पश्चिमी यूपी के तराई क्षेत्रों में भारी पाले का अलर्ट, पाले से फसलों को होने वाले नुकसान से ऐसे बचाव करें
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में नए साल 2021 की शुरुआत कड़ाके की सर्दी और शीतलहर से होने जा रही है। यूपी के कई जिलों में पाला पड़ने की पूरी संभावना है। इस मौसम में पाले से कुछ फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। पर अगर सावधानी बरती जाएं तो इस नुकसान से बचा जा सकता है।
आखिरकार पारंपरिक शैली ‘कंटीन्यूअस राफ्टस्टोन’ से ही बनेगी राम मंदिर की नींवपाले से बचाव के लिए सिंचाई करें :- मौसम के बारे में बताने वाली निजी कम्पनी स्काईमेट के अनुसार, कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां पाला पड़ने की संभावना है। इस से कई फसलों को नुकसान हो सकता है। पाले से बचाव के लिए फसलों में पहले से ही सिंचाई करें।
आलू को लग सकती है पाले की नजर :- नमी के कारण आलू की फसल में विशेष रूप से पाला लगने की आशंका है। अगर लक्षण दिखाई देता है तो मैनकोज़ेब 75 फीसद, डब्ल्यूपी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें। खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
प्याज की रोपाई के लिए उपयुक्त मौसम :- स्काईमेट ने बताया कि, प्याज की रोपाई करने के लिए मौसम अभी उपयुक्त है। रोपाई से पहले खेतों में जैविक खाद और और पोटाश उर्वरक देकर खेत ठीक से तैयार करें। फसलों में खरपतवारों की निगरानी करते रहें। अगर खरपतवार खेतों में दिखाई दें तो निकाल कर नष्ट करें।
सब्जियों में छेदक कीटों का प्रकोप :- इस समय सब्जियों की फसलों में पत्ती काटने वाले व छेदक कीटों का प्रकोप भी हो सकता है। संक्रमण बढ़ने पर उपचार करें।
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