यूपी का पहला ब्लैक फंगस सेंटर कानपुर के हैलट में बनेगा कोरोना से मिली राहत :- उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए मामले में तेजी से कमी आ रही है। अगर देखा जाए तो 16 मई के बाद से रोजाना दस हजार से कम कोरोना संक्रमित मामले मिल रहे हैं। यूपी में शनिवार 22 मई को 6049 नए संक्रमित मामले दर्ज किए गए। इन पर गौर करें तो 17 मई 9391, 18 मई 8727, 19 मई 7336, 20 मई 6727 21 मई 7735 पॉजिटिव मिले हैं। कोरोना को लेकर यह एक अच्छी खबर है। सीएम योगी और उनकी टीम—9 का 3टी मॉडल कामयाब हो रहा है। वहीं यूपी ने देश में एक दिन में सर्वाधिक 3.07 लाख कोरोना टेस्ट करने का रिकॉर्ड बनाया है। इस वक्त रिकवरी दर बढ़कर 93.2 फीसद हो गई है। प्रदेश में अब तक 1.62 करोड़ डोज का टीकाकरण हो गया है।
अब तक प्रदेश में 40 की मौत :- जहां यूपी में कोरोना का कहर कम हो रहा है वहीं ब्लैक फंगस अपने कई रुपों में आकर जनता और यूपी सरकार—प्रशासन को डरा रहा है। उत्तर प्रदेश में शनिवार को ब्लैक फंगस के 186 नए मरीज मिले हैं। सबसे अधिक 115 मरीज मेरठ मंडल के हैं। अब तक प्रदेश में 506 ब्लैक फंगस के रोगी मिल चुके हैं। इनमें से 40 की मौत हो गई है। राजधानी लखनऊ में अब तक कुल मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 197 हो गया है। अब तक राजधानी में 15 लोग फंगस के चलते जान गंवा चुके हैं।
मरीजों की जानकारी रोजाना सरकार को देना जरूरी :- स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी में सात, आगरा में 4, लखनऊ, चंदौली, झांसी, प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर में दो-दो मरीज मिले हैं। प्रतापगढ़, कुशीनगर, फिरोजाबाद, बलिया और मऊ में एक-एक मरीज मिला है। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि अधिसूचित बीमार की श्रेणी में आने के बाद सभी सरकारी व निजी अस्पतालों को ब्लैक फंगस के मरीजों जानकारी रोजाना सरकार को देना होगा। हर दिन रोगियों की संख्या की जानकारी मिलने से इलाज प्रबंधन में मदद मिलेगी। यह भी पता लग सकेगा कि किसी विशेष क्षेत्र में तो ब्लैक फंगस नहीं फैल रहा है।
ब्लैक फंगस इंजेक्शन के नए नियम जारी:- ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली अहम लाइपोसोमल एम्फोटेरीसीन-बी इंजेक्शन व दवाएं खुले बाजार में नहीं बिकेंगी। सरकार ने दवा की बिक्री के नए नियम लागू कर दिए हैं। उप्र मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन ने दवा खरीद की प्रक्रिया चालू कर दी है। कारपोरेशन सीधे कंपनियों से दवा खरीद रहा है। वहीं कंपनियों ने प्राइवेट मेडिकल स्टोर को इंजेक्शन व जरूरी दवाएं देने से मनाकर दिया है।