यूपी में 812 फर्जी बेसिक शिक्षकों की सेवा समाप्त, तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आदेश
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 812 फर्जी बेसिक शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई। सरकार ने इन 812 फर्जी बेसिक शिक्षकों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। और साथ ही यूपी सरकार ने इन सभी पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। यह सभी शिक्षक उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा की वर्ष 2005 की फर्जी और टेम्पर्ड (कूटरचित) बीएड की डिग्री पर प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी कर रहे थे। जिसे हाईकोर्ट के 26 फरवरी के आदेश में फर्जी करार दिया गया है। परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि नियमानुसार कार्रवाई करें। पूर्व में बेसिक शिक्षा विभाग 201 शिक्षकों की सेवा समाप्त और 199 के खिलाफ एफआईआर करा चुका है।
15 मार्च तक करा लें पंजीकरण नहीं तो कट जाएगी बिजली : श्रीकांत शर्मा हाईकोर्ट ने विशेष अपील किरनलता सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में 26 फरवरी को परिषदीय विद्यालयों में तैनात 814 शिक्षकों की बीएड डिग्री को फर्जी करार दिया था। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने हाईकोर्ट के अनुपालन के लिए आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि दो अभ्यर्थियों अनीता मौर्या पुत्री भोला सिंह टीआरके कालेज अलीगढ़ व विजय सिंह पुत्र हरि सिंह केआरटीटी कालेज मथुरा को छोड़कर अन्य 812 अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी होने की पुष्टि की गई है। जिलों में कार्यरत इन शिक्षकों को चिन्हित करके नियमानुसार सेवा समाप्ति व एफआइआर की कार्रवाई की जाए।
हाईकोर्ट ने सात अभ्यर्थियों के संबंध में उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के आधार पर यूनिवर्सिटी व प्रदेश सरकार को आदेश की तारीख से एक माह का समय पुनर्विचार के लिए दिया है। इनमें सुरेंद्र कुमार पुत्र मंजू लाल, राजीव सिंह यादव पुत्र राम लदित यादव, संदीप कुमार पुत्र अजय पाल सिंह, रीता गौतम पुत्री श्रीराम गौतम, रीता यादव पुत्री जानकी लाल यादव, अनिरुद्ध पुत्री राजेंद्र सिंह व रेखा लवनिया पुत्री विजेंद्र सिंह की सेवा एक माह तक जारी रहेगी।
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