1100 रुपए जमा करने पर छोड़ी गाड़ी इसके बाद जज का बेटा कार के पास पहुंचा। वहां कार नहीं दिखाई देने पर पुलिसकर्मियों से भिड़ गया और पुलिसकर्मियों से सरेआम अभद्रता शुरू कर दी। उसने अपने जज पिता का भी धौंस देना शुरू कर दिया। काफी जद्दोजहद के बाद भी उसका धौंस काम न आया। पुलिसकर्मियों ने 1100 रुपए का शमन शुल्क देने को कहा। जिसके बाद वह शमन शुल्क देकर गाड़ी छुड़वाई। हालांकि बाद में पुलिस को पता चला कि गाड़ी पर जिला जज लिखा है। मगर वह एडीजे की गाड़ी है।
ट्रैफिक अभियान के दौरान उठाई गई गाड़िया शनिवार को अभियान के दौरान पुलिसकर्मियों ने नो पार्किंग जोन में खड़ी 65 गाड़ियों को उठाया। सबसे ज्यादा 29 वाहन हजरतगंज, 23 वाहन गोमतीनगर और 13 वाहन आलमबाग से उठाये गए। सनद रहे की लखनऊ में ट्रैफिक सिस्टम दुरुस्त रखने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभी हाल ही में प्रदेश सरकार के मंत्री की भी गाड़ी को नो पार्किंग जोन से उठा लिया गया था।