राजधानी लखनऊ में शनिवार को रेल मंत्रालय में कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई की पत्नी और उनके बेटे की हत्या हो गई। यह हत्या उनकी अपनी बेटी ने की। बताया जा रहा है कि वह चार साल से डिप्रेशन में थी। इसका जिक्र उसने कई बार अपनी डायरी में भी किया है।
हत्यारोपी राष्ट्रीय स्तर की शूटर :- लखनऊ पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि हत्यारोपी राष्ट्रीय स्तर की शूटर है। वह 10 मीटर पिस्टल इवेंट में हिस्सा लेती थी। वर्ष 2014 में उसने पश्चिम बंगाल रायफल एसोसिएशन कोलकाता की तरफ से आयोजित 57वीं नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था। वह लखनऊ के प्रतिष्ठित लोरेटो स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा है। उसका भाई सर्वदत्त गोमीतनगर के संस्कृत विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई कर रहा था।
यह तो नॉर्मल बात है :- पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपी छात्रा से बातचीत के वक्त कुछ छिपाने की कोशिश कर रही थी। शक होने पर उसके हाथों से दुपट्टा हटवाया गया तो कोहनी तक पट्टी बंधी दिखी। पट्टी खुलवाकर देखा तो करीब 100 कट के निशान देखकर सब हैरान रह गए। उसने बताया कि रेज़र से यह चोटें उसने खुद लगाई हैं। पुलिस ने जब वजह पूछी तो उसने कहा कि इसमें कौन-सी बड़ी बात है, मैंने पढ़ा है कि रोज 1.5 मिलियन लोग अपना हाथ काटते हैं। यह तो नॉर्मल बात है। तलाशी में पुलिस को छात्रा के कमरे में जगह-जगह कंकाल, आंसू वाले इमोजी बने मिले। छात्रा ने अपने हाथ ओआर गॉड भी लिखा रखा था।
डिप्रेशन ने सबकुछ छीन लिया :- गौतमपल्ली निवासी रेलवे अधिकारी राजेश दत्त बाजपेई को जन्मदिन का ऐसा तोहफा मिला कि वह अब कभी इसे भुला नहीं पाएंगे। रात करीब 12 बजे दिल्ली से घर पहुंचे। पिता को देखकर बेटी फफक फफक रो पड़ी। पिता ने बेटी को गले लगा लिया। दोनों खूब रोए। पिता ने कहा कि बेटी बहुत मेधावी है। डिप्रेशन ने सबकुछ छीन लिया।