पत्रिका न्यूज नेटवर्कलखनऊ. उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड का अब सात मार्च को मतदान नहीं होगा। निर्धारित संख्या से अधिक प्रत्याशी होने के कारण चुनाव की संभावना थी, पर आज दो उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से चुनाव की संभावनाएं खत्म हो गई हैं। इक़बाल महमूद विधान सभा सदस्य और परवेज़ अली विधान परिषद सदस्य ने नाम वापस लिया। इस प्रकार सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव में सभी पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध विजयी घोषित किए गए।
उत्तर प्रदेश में विधायक निधि बहाल, मिले 3 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के चुनाव में नामांकन से पहले ही मतदान की सारी संभावना समाप्त हो गई है। सदस्य के प्रत्याशी के रूप में संभल के विधायक इकबाल महमूद तथा एमएलसी परवेज अली ने आज नाम वापस ले लिया है। अब विधायक कोटे के दो पदों के लिए दो प्रत्याशी बचे हैं। इस तरह से सुल्तानपुर के विधायक अबरार अहमद तथा आजमगढ़ के विधायक नफीस अहमद का निर्विरोध चुन लिए गए हैं। बोर्ड के चुनाव के लिए सांसद, मुतवल्ली व बार कौंसिल सदस्य कोटे के दो-दो पदों के लिए पहले ही दो-दो प्रत्याशियों ने नामांकन भरे थे। सुन्नी वक्फ बोर्ड में 11 सदस्य होते हैं। ये सदस्य मिलकर चेयरमैन का चुनाव करते हैं।
चुनाव अधिकारी व विशेष सचिव अल्पसंख्यक कल्याण व वक्फ विभाग शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि मुतवल्ली कोटे से बोर्ड के पूर्व चैयरमैन जुफर फारूकी और गोरखपुर के अदनान फर्रुख शाह, सांसद कोटे से अमरोहा से सांसद कुंवर दानिश अली और मुरादाबाद से एसटी हसन ने नामांकन दाखिल किया। इसी तरह बार काउंसिल सदस्य कोटे से इमरान माबूद खां और अब्दुल रज्जाक खान के अलावा विधानमंडल सदस्य कोटे से आजमगढ़ से विधायक नफीस अहमद, सुल्तानपुर से अबरार अहमद, संभल से इकबाल महमूद और अमरोहा से एमएलसी परवेज अली ने नामांकन किया। जुफर फारूकी 5वीं बार सदस्य बने, जबकि दूसरी बार निर्विरोध चुने गए हैं। विधानमंडल सदस्य कोटे में इकबाल महमूद और परवेज अली का नाम वापस ले लिया है।