यूपी विधानसभा चुनाव 2022, अब हर पोलिंग बूथ पर लगेंगी वीवीपैट, किसको दिया है वोट इस राज का हो जाएगा खुलासा विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत :- उत्तर प्रदेश में सरकारी मेडिकल कालेजों में डाक्टरों की अभी सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है। प्रदेश में कोरोना के बाद डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार के साथ-साथ स्क्रबटाइफस व लेप्टोस्पाइरोसिस जैसे संक्रामक रोगों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की जरूरत है। सरकार का यह फैसला कुछ वक्त के लिए विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी नहीं होने देगा।
करीब 10 प्रतिशत पद खाली :- मंत्री चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि, अच्छे डाक्टर मेडिकल कालेजों की जरूरत हैं। इन विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी न हो इसलिए सेवानिवृत्त आयु पांच वर्ष बढ़ाई जा रही है। अभी करीब 10 प्रतिशत पद खाली चल रहे हैं।
इलाज की सुविधा मिलेगी :- चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि, डाक्टर रिटायर होने के बाद निजी मेडिकल कालेज या अस्पतालों में अपनी सेवाएं देते हैं। ऐसे में उन्हें अपने ही मेडिकल कालेज व चिकित्सा संस्थान में सेवाएं देने का अवसर मिलेगा। मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टरों से इलाज की सुविधा मिलेगी और शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। आगे कोई नई बीमारी सामने आती है, तो मेडिकल कालेजों में चिकित्सकों की कमी नहीं होगी।