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मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूलों में 42 आधुनिक कक्षों के साथ 1500 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था की जाएगी। यह योजना प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगी। इन स्कूलों के निर्माण से छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी शैक्षिक गुणवत्ता में भी सुधार होगा।मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूलों की विशेषताएं
प्री-प्राइमरी से लेकर इंटर तक शिक्षाइन स्कूलों में बच्चों को प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा दी जाएगी, जिससे छात्रों को अपनी पूरी शिक्षा यात्रा को एक ही स्थान पर पूरा करने का अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूलों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर और लैंग्वेज लैब के अलावा, बहुउद्देशीय हॉल भी होंगे, जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा सकेंगी। इसके साथ ही, स्किल हेल्प सेंटर बच्चों के कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इन स्कूलों में स्टाफ के लिए आवास की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि शिक्षकों को यात्रा की समस्या न हो और वे छात्रों को बेहतर तरीके से शिक्षा दे सकें। 1500 विद्यार्थियों की क्षमता
हर स्कूल में 42 आधुनिक कक्षों के साथ 1500 विद्यार्थियों की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। यह स्कूल बड़े पैमाने पर छात्रों को शिक्षा देने की क्षमता रखेंगे।
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निर्माण स्थान और लागतप्रत्येक मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल के निर्माण पर 25 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह स्कूल मुख्य रूप से 5 एकड़ भूमि पर बनाए जाएंगे, जो परिषदीय स्कूलों में निर्मित होंगे।
मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूलों का निर्माण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में किया जाएगा। इन जिलों में शामिल हैं: .रामपुर
.हाथरस
.भदोही
.बदायूं
.बहराइच
.अंबेडकरनगर
.अमेठी
.अमरोहा
.औरैया
.बागपत
.बलिया
.बाराबंकी
.बिजनौर
.बुलंदशहर
.चंदौली
.चित्रकूट
.इटावा
.फर्रुखाबाद
.फिरोजाबाद
.नोएडा
.गाजियाबाद
.गाजीपुर
.हमीरपुर
.हापुड़
.हरदोई
.जालौन
.कानपुर देहात
.कासगंज
.कौशांबी
.लखीमपुर
.कुशीनगर
.ललितपुर
.महाराजगंज
.मैनपुरी
.मऊ
.मुजफ्फरनगर
.प्रतापगढ़
.रायबरेली
.संभल
.संत कबीर नगर
.शाहजहांपुर
.श्रावस्ती
.सीतापुर
.सुल्तानपुर ओएनजीसी का वित्तीय सहयोग
यह परियोजना ओएनजीसी द्वारा अपने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत वित्त पोषित की जाएगी। यह कदम ONSGC की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, जो समाज में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए उठाया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग इस योजना के तहत मॉडल विद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा और सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस योजना से न केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि यह प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र को भी नई दिशा प्रदान करेगा।