झगड़ेश्वर महादेव मंदिर में झगड़े से शुरू होते हैं यहां के आयोजन यह अनोखा शिव मंदिर झगड़ेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। यहां भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के साथ साथ झगड़ा करने की भी प्रथा है जो इसे खास बनाती है। बिना झगड़े के यहां कोई शुभ काम नहीं हो सकता है। थोड़ी देर के लिए ही सही मगर किसी भी आयोजन को लेकर यहां झगड़ा होना अनिवार्य होता है।
कैसा भी झगड़ा हो यहां दर्शन करने से शांत होने का किया जाता है दावा पुजारी शक्ति मिश्रा ने दावा कि यह अनोखा शिव मंदिर नवाबी शहर लखनऊ के राजा बाजार के डेग वाली गली में स्थित है। इस झगड़ेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना को लेकर किसी के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है। लोग बस इतना कहते हैं कि यह मंदिर सदियों पुराना है। अगर हम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बात करें तो जिस जगह पर यह मंदिर स्थित है, उसके आसपास पहले एक किला हुआ करता था। इसी किले में एक शिवलिंग मिला, जिसे यहां पर स्थापित कर दिया गया। 1938 में इस मंदिर की दोबारा मरम्मत हुई। मान्यता है कि यहां झगड़ेश्वर महादेव के दर्शन करने से झगड़ा शांत हो जाता है।
सोमवार को लगती है भक्तों की लम्बी कतार: पुजारी हर साेमवार को श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती हैं, जिसमें पुरुष व महिलाएं अलग अलग लाइनों में खड़े होते है। इसके बाद रुद्राभिषेक के साथ ही सुबह भगवान शिव की आराधना होती है तथा शाम को फूलों से भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है।
श्रावण मास के महीने में लगती है शिव के दर्शन की भीड़ मंदिर के पुजारी अंबिकेश्वर तिवारी के अनुसार मंदिर की हमेशा से ये प्रथा रही है कि यहां बिना झगड़े के कोई आयोजन नहीं होता है, हैरान कर देने वाली बात ये है कि कुछ ही समय में झगड़ा एकदम शांत हो जाता है और लोग फिर से बाबा की पूजा आराधना में जुट जाते हैं।यह झगड़ेश्वर महादेव मंदिर झगड़ा शांत करने के लिए जाना जाता है। यहां सबसे ज़्यादा भीड़ श्रावण के हर सोमवार को होती है। इसके लिए श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ जमा होती है जिसके लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं।