यूपी में बिजली की दरें यथावत, आयोग ने नहीं बढ़ाई बिजली की कीमतें 442 करोड़ रुपए राजस्व हानि :- इस वक्त पूरे यूपी में करीब एक लाख बिजली कर्मियों व पेंशनरों रियायती बिजली की सुविधा मिल रही है। प्रति उपभोक्ता औसत उपभोग 600 यूनिट बिजली 6.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से दी जाती है। जिससे 442 करोड़ रुपए राजस्व हानि होती है।
नियामक आयोग सख्त आदेश :- गुरुवार को यूपी विद्युत नियामक आयोग नया टैरिफ आर्डर जारी किया है। जिसमें साफ- साफ निर्देश दिया है कि, 31 मार्च 2022 तक हर सेवारत बिजली कर्मियों और पेंशनरों के आवास पर मीटर लग जाना चाहिए। और बिलिंग शुरू कराई जाए। नियामक आयोग ने वर्ष 2016-17 के टैरिफ आर्डर में विभागीय कर्मियों के लिए बनाई गई अलग श्रेणी को खत्म कर दिया था। पर कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं।
वर्ष 2016 में भी दी गई थी मोहलत :- आयोग के अनुसार इससे पूर्व कर्मचारियों व पेंशनरों को मीटर लगवाने के लिए 1 जनवरी 2016 तक की मोहलत दी गई थी ताकि खपत के बारे में सही-सही आकलन हो सके। 1 जनवरी 2016 के बाद मीटर न लगवाने वालों से अनुमानित खपत आधार पर बिजली बिल की वसूली के आदेश दिए गए थे पर अमल नहीं हो सका।
बिजली दरों में कमी के लिए पुनर्विचार याचिका शीघ्र :- बिजली दरों में कमी के लिए राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद जल्द ही नियामक आयोग में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि, पांचों बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 20596 करोड़ रुपए सरप्लस है। उपभोक्ता परिषद जल्द ही पूरे टैरिफ का अध्ययन कर बिजली दरों में कमी के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा।