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डिजाइन प्रतियोगिता से चुना जाएगा सर्वश्रेष्ठ मॉडललखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस पेडिस्ट्रियन ब्रिज की डिजाइन को लेकर आर्किटेक्चर डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की थी। इस प्रतियोगिता में देशभर से कुल 24 डिजाइन प्राप्त हुईं, जिनमें से 10 को पहले चरण में चुना गया है। इन डिजाइनों में गोमती गेटवे, कथक ब्रिज, देव सेतु, स्माइलिंग ब्रिज, जश्न-ए-पल, और तरंत सेतु जैसे थीम शामिल हैं।
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एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ब्रिज की जगह एडीसीपी ऑफिस के पास चिन्हित की गई है। इस ब्रिज पर केवल पैदल यात्रियों और साइकिल चालकों को अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा, ब्रिज पर व्यू प्वाइंट्स, डेक और मनोरंजन के स्थान भी बनाए जाएंगे।ब्रिज की खासियत
लंबाई और ऊंचाई: ब्रिज लगभग 100 मीटर लंबा, 15 मीटर चौड़ा और 10 मीटर ऊंचा होगा। आधुनिक थीम पर आधारित डिजाइन: प्रतियोगिता में प्रस्तुत डिजाइन आकर्षक और अनूठी थीम पर आधारित हैं, जैसे कि कथक ब्रिज और देव सेतु।यह पेडिस्ट्रियन ब्रिज लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देगा। लोग न केवल गोमती नदी का नजारा ले सकेंगे, बल्कि ब्रिज पर चहलकदमी करते हुए शहर की खूबसूरती का आनंद भी ले पाएंगे।
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डिजाइन प्रक्रिया और थीम का महत्वइस ब्रिज को अद्वितीय बनाने के लिए एलडीए ने आर्किटेक्ट्स से विशेष थीम आधारित डिजाइनों की मांग की थी। जिन डिजाइनों ने ज्यूरी पैनल को प्रभावित किया, उनमें निम्नलिखित प्रमुख थीं:
ब्रिज पर कई आकर्षक सुविधाएं दी जाएंगी, जिनमें शामिल हैं: व्यू प्वाइंट्स: खास जगहें जहां से लोग गोमती नदी और क्रूज का नजारा देख सकेंगे।
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लखनऊ का सांस्कृतिक गौरव बढ़ाएगा ब्रिज
यह ब्रिज न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगा, बल्कि यह लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करेगा। कथक थीम और गोमती गेटवे जैसी डिजाइनें शहर के गौरवशाली अतीत और आधुनिक भविष्य का अद्भुत संगम पेश करेंगी।यह ब्रिज वाहनों के लिए बंद रहेगा, जिससे पर्यावरण पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, साइकिलिंग और पैदल यात्रियों को बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में क्या होगा?
एलडीए ने ज्यूरी पैनल द्वारा पहले चरण में चुनी गई 10 डिजाइनों में से सर्वश्रेष्ठ का चयन करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ब्रिज का निर्माण जल्द ही शुरू किया जाएगा।