सरकार के साथ हुए करार के अनुसार अब अडानी ग्रुप तीन साल तक एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान पहले की तरह सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालते रहेंगे। फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाएं के अधिकारी काम करेंगे। पर अब सीआईएसएफ, फायर फाइटिंग के अधिकार अडानी ग्रुप के निर्देश पर काम करेगा।
सुविधा शुल्क नहीं बढ़ा:- अमौसी एयरपोर्ट का अधिकार अडानी ग्रुप के पास जाने के बाद अभी तक पर किसी भी सुविधा शुल्क को बढ़ाया नहीं गया है। माना जा रहा है कि एयरपोर्ट को निजी हाथों में देने से यात्रियों की सुविधा में काफी इजाफा होगा। और अडानी ग्रुप की भी एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है। बताया जा रहा है कि लखनऊ एयरपोर्ट पर दिल्ली की तर्ज पर मुफ्त पिक और ड्रॉप सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
अमौसी एयरपोर्ट पर एक नजर :- अमौसी एयरपोर्ट के इतिहास पर अगर एक नजर डालें तो अमौसी एयरपोर्ट वर्ष 1986 में बना था। वर्ष 2008 में इसका नाम चौधरी चरण सिंह कर दिया गया। वर्ष 2012 अमौसी के लिए खुशियों वाला था, इस वर्ष अमौसी एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिला। इस एयरपोर्ट से लगभग 160 विमानों की सहायता से करीब 55 लाख यात्री सफर करते हैं।
सुविधाओं में होगा विस्तार :- अमौसी एयरपोर्ट के निजी हाथों में जाने से एयरपोर्ट में सुविधाओं को लेकर काफी बदलाव और विस्तार होगा। 1400 करोड़ रुपए से नए टर्मिनल टी3 का निर्माण करने की योजना है। वहीं, आठ एप्रन बन रहे हैं। फायर फाइटिंग सिस्टम अपग्रेड होना है। रनवे का विस्तार 2700 से 3500 मीटर करना है। समानांतर टैक्सी वे बनाने की योजनाओं को समूह गति देगा। एयरपोर्ट की जमीनों पर ही आने वाले समय में मॉल, होटल बनेगा। टर्मिनल बिल्डिंग में भी यात्रियों की सुविधाएं बढ़ेंगी।