स्वच्छता ऐप के प्रचार के लिए टेक्नोलॉजी का भी भरपूर सहयोग लिया जा रहा है। नगर निगम ने इस सम्बन्ध में स्पेशल स्टीकर और बैनर छपवाएं हैं। खास बात ये है कि बैनर पर क्यूआर कोड दिया गया है। इस कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करने पर सीधा स्वच्छता ऐप का लिंक खुल जाएगा और डाउनलोड कर सकेंगे। ये कोड एंड्राइड और आईफोन दोनों के लिए ही उपलब्ध है।
चुनावी सीजन में जिस तरह गाड़ियों पर बैनर चिपके नज़र आते हैं ऐसे ही बैनर अब स्वच्छता ऐप के लिए भी नज़र आएंगे। निगम अधिकारी अपनी सभी सरकारी गाड़ियों पर स्वच्छता ऐप के ये बैनर चिपकाएंगे। इन बैनर पर क्यूआर कोड के साथ स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में लखनऊ को नंबर 1 बनाने का संकल्प लेने की बात कही गयी है। इसके अलावा दो बाई दो फिट के पोस्टर घर घर से कूड़ा इखट्टा कर रहे इ रिक्शों से पर चिपकाए जाएंगे।
स्वच्छता ऐप को अधिक से अधिक डाउनलोड कराने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा। फेसबुक और ट्विटर पर इसके लिए पेज बनाया जा रहा है जिसके बाद ज़रुरत पड़ने पर इसे बूस्ट भी किया जाएगा।
स्वच्छता ऐप डावनलोड की संख्या फिलहाल राजधानी में बहुत कम है। अभी तक कुल 1 हज़ार ऐप ही डाउनलोड की जा सकी हैं। स्वच्छ भारत मिशन के मानकों के अनुसार 30 लाख की जनसँख्या वाले शहर में ये संख्या लगभग 61 हज़ार होनी चाहिए।
नगर निगम ऐसा इसलिए भी करा रहा है क्यूंकि 61 हज़ार या उससे अधिक की संख्या होने पर स्वछता सर्वेक्षण में शहर को 150 अंक मिलेंगे। अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने कहा कि जनता की भागीदारी आवश्यक है। वे स्वछता ऐप को डाउनलोड करें और उसका इस्तेमाल भी करें। हमारी ओर से पूरे प्रयास किये जा रहे हैं कि राजधानी स्वछता के मामले में बेहतरीन प्रदर्शन करे।