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जनसुनवाई के दौरान डॉ. रोशन जैकब ने त्वरित निर्णय लेते हुए प्राधिकरण से संबंधित 9 प्रकरणों का मौके पर ही समाधान कर दिया। बाकी 23 मामलों में समय सीमा निर्धारित कर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए कि वे गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करें।डॉ. रोशन जैकब ने जनसुनवाई के दौरान सीधे जनता से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझा और अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर समाधान की प्रक्रिया को तेज किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जो प्रकरण शेष रह गए हैं, उनका तय समयसीमा के अंदर समाधान किया जाए।
इस जनसुनवाई में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव सोमकमल सीताराम समेत अन्य अधिकारी और अभियंता उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने जनसमस्याओं के समाधान में तत्परता दिखाई और प्राधिकरण के कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने का आश्वासन दिया।
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प्राधिकरण के बेहतर प्रबंधन की पहलडॉ. जैकब ने इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द निस्तारण करें और नागरिकों को राहत प्रदान करें। उन्होंने यह भी जोर दिया कि नागरिकों की शिकायतों का समाधान करते समय पारदर्शिता और संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाए।
.जनसुनवाई में 40 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए।
.9 मामलों का मौके पर निस्तारण किया गया।
.23 प्रकरणों को समय सीमा के अंदर निपटाने के निर्देश।
.8 प्रकरण अन्य विभागों (नगर निगम और जिला प्रशासन) से संबंधित पाए गए।
.अधिकारियों और कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण समाधान के निर्देश।
जनसुनवाई में शामिल नागरिकों ने डॉ. रोशन जैकब और प्राधिकरण के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से प्रशासन और जनता के बीच विश्वास बढ़ता है। लखनऊ विकास प्राधिकरण की यह जनसुनवाई प्रशासन की नागरिकों के प्रति जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाती है। प्राधिकरण द्वारा नागरिकों की शिकायतों का त्वरित और पारदर्शी समाधान एक सकारात्मक संकेत है।