कुंभ और अर्धकुंभ में स्नान के अखाड़ों को विशेष सुविधाएं मिलती हैं। इनके नहाने के लिए विशेष प्रबंध होते हैं। सरकार की ओर से इन्हें सहूलियतें भी दी जाती हैं। इसे देखते हुए अखाड़ों के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ने लगी, जिससे निपटने के लिए वर्ष 1954 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की स्थापना की गई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ही सभी 13 अखाड़ों के कुंभ व अर्धकुंभ में स्नान का वक्त और उनकी जिम्मेदारी तय करता है, जिसे भी अखाड़े मानते हैं।
अब थ्री डी तकनीक से श्रद्धालु करेंगे रामलला के दर्शन, गर्भगृह जैसा होगा एहसास
शैव संन्यासी संप्रदाय
शिव और उनके अवतारों को मानने वाले शैव कहे जाते हैं। इनमें शाक्त, नाथ, दशनामी, नाग जैसे उप संप्रदाय हैं। शैव संन्यासी संप्रदाय के पास सात अखाड़े हैं- 1.श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दारागंज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
– महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा की जिम्मेदारी
– यहां सिर्फ ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों को दीक्षा 3. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, दारागंज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
– सबसे अधिक शिक्षित अखाड़ा। करीब 50 महामंडलेश्वर हैं इस अखाड़े में
– यहां महामंडलेश्वर नहीं होते। आचार्य ही प्रमुख होता है
विश्व अखाड़ा परिषद पर प्रतिबंध, 13 अखाड़ों के अलावा अब किसी और को नहीं मिलेगी मान्यता
5. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, बाबा हनुमान घाट, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
करीब पांच लाख साधु-संतों वाला सबसे बड़ा अखाड़ा
– महिला साध्वियों को दीक्षा देने की परम्मपरा नहीं 7. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा, गिरीनगर, भवनाथ, जूनागढ़, गुजरात
– केवल ब्रह्मचारी ब्राह्मणों को ही दीक्षा
48 दिन का होगा हरिद्वार कुम्भ, शाही स्नान के लिए चार तिथियां तय
वैरागी संप्रदाय
वैरागी संप्रदाय भगवान विष्णु को मानते हैं। इनमें कई उप संप्रदाय हैं, जिनमें इनमें बैरागी, दास, रामानंद, वल्लभ, निम्बार्क, माधव, राधावल्लभ, सखी और गौड़ीय आदि हैं। इनके पास तीन अखाड़े हैं- 1. श्री दिगंबर अनी अखाड़ा, शामलाजी खाक चौक मंदिर, सांभर कांथा, गुजरात
– वैष्णव सम्प्रदाय में राजा का दर्जा
– वैष्णव सम्प्रदाय के सबसे ज्यादा 09 अखाड़े इसी अखाड़े के पास हैं 3. श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, धीर समीर मंदिर बंसीवट, वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश
– अखाड़े में तैयार होते हैं कुश्ती के पहलवान, यहां के कई संत प्रोफेशनल पहलवान भी रह चुके हैं
ट्रस्ट को ऑनलाइन 100 करोड़ का मिला चंदा, अब बाकी की तैयारी
उदासीन संप्रदाय
ये सिख-साधुओं का संप्रदाय है। सनातन धर्म को भी मानते हैं। उदासीन सम्प्रदाय में तीन अखाड़े हैं- 1. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा, कृष्णनगर, कीडगंज, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
– अखाड़े का मुख्य उद्देश्य सेवा करना है
– 8 से 12 वर्ष तक बच्चों को दीक्षा दी जाती है 3. श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड
– इस अखाड़े में धूम्रपान पूर्णतया वर्जित