नाटक का हुआ मंचन किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं भाऊराव देवरस सेवा न्यास के संयुक्त तत्वाधान में ‘अन्तिम व्यक्ति का स्वास्थ्य एवं चिकित्सा’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन अटल बिहारी वाजपेई कंवेंशन सेण्टर में हुआ। कार्यक्रम में भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय एवं सूचना विभाग के सहयोग से डॉ ज्ञान आर्य के निदेर्शन में बुद्धम थियेटर सोसाइटी द्वारा ‘ पंडित दीनदयाल उपाध्याय : दर्शन एवं सामाजिक समरसता में अन्त्योदय की भूमिका’ विषय पर नाटक मंचन किया गया।
वीसी ने बीमारी और गरीबी का बताया सम्बन्ध कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर मदन लाल ब्रह्म भट्ट ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि पंडित दीनदयाल जी ने कहा था कि चिकित्सा के लिए पैसा देना अच्छी बात नही, चिकित्सा निःशुल्क होनी चाहिए। किसी भी राष्ट्र का विकास स्वस्थ्य व्यक्तियों से ही हो सकता है। देश की 3 प्रतिशत आबादी विभिन्न बीमरियों के ऊपर खर्च से गरीबी रेखा के निचे चली जाती है जबकि इतने ही प्रतिशत अबादी प्रत्येक वर्ष विभिन्न तरह के उद्योग-धन्धे और विकास से गरीबी रेखा के ऊपर जाती है। इस प्रकार बीमारियों पर होने वाला खर्च देश के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक वर्ष 6 प्रतिशत लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर खर्च की वजह से गरीबी रेखा के नीचे चले जाते हैं। इसके लिए भारत सरकार द्वारा देश के 10 करोड़ गरीब लोगों के लिए जो हेल्थ बीमा पॉलिसी की योजना लाई है, यह स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है।
डिप्टी सीएम और चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी रहे मौजूद कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा शिक्षा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि सरकार द्वारा गरीब मरीजो के उपचार के लिए असाध्य रोग योजना, प्रधानमंत्री डायलिसिय योजना के तहत गरीबो को उपचार मुहैया कराया जा रहा है। स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रथम चरण मे देश के 40 प्रतिशत लोगो को इसका लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री डॉ
दिनेश शर्मा ने कहा की विश्व के पांच बड़े जनसंख्या वाले देशों के बराबर अकेले उत्तर प्रदेश की आबादी है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक विषमताओं के कारण सभी को चिकित्सा की सुविधाएं एवं जीवन की मूलभूत अवश्यकताओं की आसानी से पूर्ती करने में कठिनाईयां उत्पन्न हो रही है। आज भी करीब देश की 75 प्रतिशत आबादी गावों मे रहती है। जनसंख्या मे लगातार वृद्धि के कारण सुविधाओं में औसतन कमी हुई है। नई-नई बीमारियां बढ़ती जा रही है। इस प्रकार हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहे इसकी कल्पना नही हो सकती है।