जो एंटनी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। कोलकाता में चल रही सपा की बैठक खत्म होने के बाद एक न्यूज चैनल ने एंटनी से बात की। एंटनी से चैनल ने जानना चाहा कि 31 साल तक जिस पार्टी से आपको MP, MLC जैसा कोई पद नहीं मिला, उसके साथ आप क्यों काम कर रहे हैं। आखिर केरल जैसे राज्य में सपा का इतना समर्पित कार्यकर्ता कैसे तैयार हुआ?
‘मुलायम सिंह ने पहली मुलाकात में ही मुझे मुरीद कर लिया’
सपा में होने की वजह बताते हुए एंटनी ने मुलायम सिंह यादव का एक किस्सा सुनाया। एंटनी ने बताया है कि कैसे पहली मुलाकात में ही वो मुलायम सिंह के दीवाने हो गए और आज भी नेताजी मुलायम सिंह का नशा उन पर तारी है। मुलायम सिंह से उनकी मुलाकात का किस्सा भी दिलचस्प है।
एंटनी कहते हैं, ”मुझे अखबार के जरिए से नेताजी के समाजवादी पार्टी बनाने का समाचार मिला। इसके बाद मैंने नेताजी को फोन किया। फोन पर मैंने नेताजी से पार्टी में जुड़ने की ख्वाहिश जाहिर की और उन्होंने तुरंत पार्टी में मुझे पद दे दिया। तब से 31 साल हो गए, मैं नेताजी और सपा के साथ था और रहूंगा।”
एंटनी आगे कहते हैं, “मुझसे बातचीत के 3 दिन बाद नेताजी ने खुद फोन किया और पार्टी के फाउंडेशन कॉन्फ्रेंस में आने के लिए कहा। ये 1992 के नवंबर महीने के 4 और 5 तारीख में हुआ था। जिसमें शामिल होने के लिए पहली बार मैं लखनऊ गया था”
ट्रेन से लखनऊ पहुंचा तो नेताजी के स्वागत ने दिल जीत लिया: एंटनी
एंटनी कहते हैं, “मैं पार्टी के फाउंडेशन कॉन्फ्रेंस में शामिल होने लखनऊ पहुंचा। मेरी ट्रेन लेट हो गई। मैं किसी तरह पूछते-पूछते रात में वहां पहुंचा, जहां पार्टी का कार्यक्रम था। मुझे लगा कि नेताजी गुस्सा तो नहीं होंगे लेकिन उन्होंने खुली बाहों से स्वागत किया। मुझसे कहा कि अभी भाषण दोगे?”
‘मुझे हिन्दी बिल्कुल नहीं आती थी, भाषण कैसे दूं?’
एंटनी ने बताया कि उनको हिन्दी बिल्कुल नहीं आती थी। अंग्रेजी में भाषण देने की बात मुलायम सिंह से कही तो उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मलयालम में भाषण दो। एंटनी हैरान हो गए कि हिन्दीभाषी लोगों के बीच मलयालम में बोलकर क्या फायदा। इस पर मुलायम सिंह ने तभी एक ट्रांसलेटर को बुलाया और मलयालम में भाषण कराया।
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एंटनी कहते हैं, “नेताजी मुलायम सिंह का काम करने का अंदाज और जो सम्मान उन्होंने मुझे दिया, वो अद्भुत था। नेताजी की बातों में एक नशा था, एक ऐसा कमाल था कि जोश भर देता था। वही जोश और नशा आज भी मेरे ऊपर चढ़ा हुआ है।”राज्यसभा ना मिलने के बावजूद पार्टी के साथ क्यों?
सपा की ओर से कभी राज्यसभा ना दिए जाने के बावजूद पार्टी के साथ होने के सवाल पर एंटनी ने कहा कि ये बात सिद्धातों की है। एंटनी कहते हैं कि वो 2 बातों से पार्टी से जुड़ते हैं, एक नेतृत्व और एक विचारधारा। मुलायम सिंह का नेतृत्व उन्हें इतना पसंद था कि कभी किसी दूसरी पार्टी की ओर देखा ही नहीं।
केरल में समाजवाद की जड़ें बहुत गहरी: जो एंटनी
जो एंटनी का कहना है कि केरल में रहकर सपा से जुड़ने पर हैरानी करने की जरूरत नहीं है। केरल वो राज्य है, जहां समाजवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं। केरल में समाजवाद के आंदोलन बहुत पहले हुए। ऐसे में केरल के लोगों के दिलों में समाजवाद है।