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लखनऊ

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में कानपुर में हिंसा, जुमे के नमाज के बाद दो समुदायों में पत्थरबाजी, 17 हिरासत में

Kanpur Violence: कानपुर में उस वक्त बड़ी हिंसा हो गई जब देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी शहर में मौजूद थे। आखिर इतनी बड़ी घटना के पीछे क्या वजह हो सकती है।

लखनऊJun 03, 2022 / 06:00 pm

Snigdha Singh

शुक्रवार को कानपुर देहात के गांव परौंख में जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक मंच पर मौजूद थे। वहीं दूसरी तरफ यहां से कुछ ही किलोमीटर दूर शहर में बवाल हो गया। पत्थरबाजी, बमबाजी और लाठीचार्ज से सड़कें रणक्षेत्र में बदल गईं। कथित तौर पर भाजपा नेता नुपुर शर्मा के एक बयान को लेकर हुई हिंसा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दो समुदायों में जमकर पत्थरबाजी हुई। पुलिस फोर्स ने बड़ी मशक्कत के बाद फिलहाल शांति बनाई है।
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आने का कार्यक्रम पहले से तय था तो आज ही के दिन बंद का आह्वान क्यों किया गया? कई मस्जिदों में भड़काऊ तकरीरों की भी सूचना है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह पूर्व नियोजित घटना है? जुलूस कैसे निकला और हिंसा का इंतजाम कैसे हुआ? इसको लेकर सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठने सामान्य है। अधिकारियों ने कहा कि इस पर जांच और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी। जानकारी के अनुसार 17 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसा में अब तक करीब सात लोग घायल हुए हैं।
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जलूस में कहां से आए पत्थर?
कानपुर के ईदगाहों में पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई। बताया जा रहा है कि जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस ने किसी भी क्षेत्र में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजदू बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए। सवाल यह भी है कि शहर में सड़कों पर इतनी संख्या में पत्थर कहां से आ गए? पेट्रोल बम चलने की भी सूचना है। पहुंची पुलिस फोर्स पर भी पत्थर बाजी की।
मुस्लिम बाहुल्य इलाके में हिंसा
नुपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए कथित बयान को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में कारोबार पूरी तरह बंद रहा। जोहर फैंस एसोसिएशन और अन्य मुस्लिम तंजीमों ने शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय से कारोबार बंद रखने की अपील की थी। इसका व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से ही चमनगंज, बेगनगंज, तलाक महल, कर्नलगंज, हीरामन पुरवा, दलेल पुरवा, मेस्टन रोड, बाबू पुरवा, रावतपुर व जाजमऊ में कहीं आंशिक तो कहीं पूर्ण बंदी दिखाई दी। पुलिस की मौजूदगी के बाद भी हिंसा ने देखते देखते बड़ा रूप ले लिया। फिलहाल शांति है।

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