script‘सभ्य न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता बुलडोजर न्याय’, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला | Bulldozer justice cannot be a part of a civilized judicial system, Supreme Court decision on bulldozer action | Patrika News
लखनऊ

‘सभ्य न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता बुलडोजर न्याय’, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। इसमें कहा गया है कि कार्यपालक अधिकारी न्यायाधीश की भूमिका नहीं निभा सकते और न ही वे किसी आरोपी को दोषी ठहरा सकते हैं या उनका घर गिरा सकते हैं।

लखनऊNov 13, 2024 / 05:04 pm

Prateek Pandey

bulldozer
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के, मनमाने ढंग से बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता क्योंकि किसी अपराध के लिए घर तोड़ने का दंड नहीं दिया जा सकता। सरकार की ऐसी कार्रवाई को अवैध माना जाएगा। जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

कवि प्रदीप की कविता ‘घर एक सपना है जो कभी ना टूटे’ से शुरुआत करते हुए कोर्ट ने कहा कि केवल आरोपी होने मात्र से किसी का घर नहीं गिराया जा सकता। न्यायिक कार्यों का अधिकार कोर्ट को है और कार्यपालिका कोर्ट की जगह नहीं ले सकती। कोर्ट ने अधिकारियों को कानून का पालन करने का निर्देश दिया और कहा कि अफसरों की जवाबदेही सुनिश्चित होनी चाहिए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बुलडोजर एक्शन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है और किसी भी आरोपी के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करना कानून को हाथ में लेना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि बुलडोजर का उपयोग तभी किया जाए जब कोई और विकल्प न हो।
यह भी पढ़ें

यूपी में नहीं थम रहा पोस्टरवार, BJP ने लगाया-‘सपा का एक ही एजेंडा, जीतेंगे तो लूटेंगे’

कई संगठनों ने दाखिल की थीं याचिका

जमीयत उलेमा ए हिंद सहित कई संगठनों ने इस मुद्दे पर याचिकाएं दाखिल की थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाई थी और आज के फैसले के बाद ही इस पर स्पष्टता आएगी। कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी और याचिकाकर्ता को अंतरिम मुआवजा के रूप में 25 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था।

‘बुलडोजर न्याय’ न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता: कोर्ट

कोर्ट ने अंत में कहा कि कानून के शासन में किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को धमकी देकर नहीं दबाया जा सकता। ‘बुलडोजर न्याय’ किसी भी सभ्य न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता, और राज्य को कानून के तहत उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही अवैध अतिक्रमणों या अनाधिकृत निर्माणों को हटाना चाहिए।

Hindi News / Lucknow / ‘सभ्य न्यायिक प्रणाली का हिस्सा नहीं हो सकता बुलडोजर न्याय’, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

ट्रेंडिंग वीडियो