मोहम्मद वसी ने 22 मार्च 2005 में वसी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से आरओसी कानपुर में अपनी कंपनी पंजीकृत कराई थी। कंपनी में वसी के अलावा उसका बेटा निदेशक है। कंपनी की तीन साल की बैलेंस शीट ने संदेह की तमाम परतें खोल दी हैं। बैलेंस शीट के मुताबिक वर्ष 2020 में वसी ने 23 लोगों से 1.64 करोड़ रुपए फ्लैटों के एडवांस के रूप में लिए। वर्ष 2021 में ये रकम बढ़कर करीब 2.60 करोड़ रुपए हो गई। लेकिन प्रापर्टी की बिक्री न के बराबर दिखाई। आरओसी सूत्रों के मुताबिक वसी को करोड़ों रुपए देने वालों की लगातार बढ़ती संख्या शक पैदा करती है। ये डमी निवेशक भी हो सकते हैं। करोड़ों रुपए कहां से आ रहे हैं, इसके सोर्स की जानकारी नहीं है।
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अंधेरे में पीएम! उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के अफसरों की ढिठाई, इन्हें पीएम मोदी की भी डर नहीं दिलचस्प बात ये है कि एक तरफ बिना बिजनेस किए वसी को करोड़ों रुपए मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ अपनी बैलेंस शीट में वसी का घाटा भी बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2020 में बिना एक पैसे की प्रापर्टी बेचे वसी को 23 लोगों ने 1.64 करोड़ रुपए दे दिए। अगले ही साल यानी 2021 में 12 और लोगों ने वसी को एडवांस के रूप में करीब 95 लाख रुपए दे दिए लेकिन डिलीवरी न के बराबर की। यानी कागजों में दिखाया जा रहा है कि उधार लेकर बिल्डिंग बनाते जा रहे हैं और पैसा खर्च हो रहा है। लेकिन इमारतें तैयार हो गई हैं या किसे दी जा रही हैं। इसका कोई जिक्र नही है। ये पैसा कहां से आया, साफ नहीं है। पैसा लगाने वाले कौन हैं, ये भी साफ नही है। इतना ही नहीं 2.60 करोड़ रुपए एडवांस में लेने वाले वसी ने कागजों में केवल 72.83 लाख का स्टाक दिखाया है।
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PUBG खेलने के लिए छह साल के मासूम का मुंह फेवीक्विक से चिपकाया, वाशरूम में की हत्या जांच में बिल्डर वसी का पांच कंपनियों से कनेक्शन सामने आया है, जिनकी जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। वसी की मूल कंपनी वसी बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड है। जिसमें उसके अलावा अब्दुर्र रहमान निदेशक हैं। वसी हमराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड में भी निदेशक है। 2013 में बनी ये कंपनी 88/592 चमनगंज प्रेमनगर के पते पर पंजीकृत है। इस कंपनी के एक निदेशक हमराज़ कंस्ट्रक्शन, ट्विस्ट बिल्डर्स, हेंज़ राइडर ओवरसीज, राइडर्स बिल्डर में भी भी निदेशक हैं।
वर्ष 2020 में घाटा 20.08 लाख रुपए वर्ष 2019 में घाटा 17.71 लाख रुपए वर्ष 2021 में घाटा 20.26 लाख रुपए वसी ने 2020 में 23 लोगों से एडवांस लिया – 1.64 करो़ड़ रुपए