पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते पांच सालों में देश में आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। वर्ष 2019 में 139123 के मुकाबले 2020 में 153052 लोगों ने आत्महत्या की। बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के आंकड़ों को लेकर सरकार चिंतित है। इससे बचाव के लिए मानसिक स्वास्थ्य संस्थान आगरा के निदेशक की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। लोगों और खासकर युवा वर्ग के बीच बढ़ती आत्महत्या की मानसिकता को हेल्पलाइन के जरिए रोकने के साथ ही उन्हें जीने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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इन पांच बड़े बैंकों ने FD पर बढ़ाई ब्याज दर, यहां देखें सूची, जानें कितना होगा फायदा बोर्ड रिजल्ट से पहले छात्रों की होगी काउंसलिंग यूपी का रिकार्ड देश के बाकी तमाम बड़े राज्यों की तुलना में बहुत बेहतर है। आने वाले दिनों में 10वीं औरह 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आनो वाले हैं। सरकार ने अपने यहां हालात को और बेहतर करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के निर्देश पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आगरा से इसकी शुरुआत की गई है। सरकार का मनना है अभियान से संख्या में गिरावट आएगी।
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भाजपा ने आजम को मारने की रची साजिश, जबरन दर्ज कराए मुकदमेः अखिलेश यादव देश में महाराष्ट्र नंबर वन आत्महत्या के मामले में यूपी के आंकड़े अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छे हैं। वर्ष 2020 के एनसीआरबी के आंकड़ों को आधार मानें तो सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद देश में होने वाली कुल आत्महत्याओं में से यूपी में ऐसे मामले सिर्फ 3.1 फीसदी हैं। जबकि कुल आत्महत्याओं में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 13 फीसदी, तमिलनाडु की 11 फीसदी, मध्य प्रदेश की 9.5 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 8.6 फीसदी, कर्नाटक में 08 फीसदी, केरल में 5.6 फीसदी और तेलंगाना व गुजरात में 5.3 फीसदी है।
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यूपी में एक बार फिर रोजगार का मौका, इटली, चीन और वियतनाम को टक्कर देगा कानपुर-उन्नाव का लेदर समिति लेगी समाज की मदद आत्महत्या के खिलाफ अभियान चलाने वाली समिति लोगों और युवाओं को जागरूक करने में समाज की मदद लेगी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा मानसिक रोगों की पहचान और उसके निदान के लिए वालंटियर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा। खासतौर से स्कूल-कॉलेजों में इसे लेकर अभियान चलेगा। वहां शिक्षकों को ऐसे बच्चों को चिन्हित करने और उनकी काउंसलिंग के लिए तैयार किया जाएगा। टीम फोन कॉल और संस्थान में पहुंच काउंसलिंग करेगी।