रेलवे की नई गाइडलाइन यात्रियों को मिलेगी खास सुविधा, जानें क्या
जानें क्या हैं LHB coach? एलएचबी जर्मन तकनीक है। एलएचबी कोच ट्रेन में हो तो इसकी गति 160 से 180 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। लिंक हॉफमेन बुश (एलएचबी) आपस में टकरा न सकते हैं। एलएचबी कोच मजबूत होते हैं अगर दुर्घटना हो जाती है तो नुकसान कम होता है। ये कोच एक-दूसरे पर भी नहीं चढ़ते जिससे यात्री सुरक्षित रहते हैं। इन कोचों का ओवरऑल मेंटेनेंस 3 साल में एक बार होता है। जबकि पारंपरिक कोच का मेंटेनेंस डेढ़ से लेकर दो साल में करवाना जरूरी होता है।रेलवे यात्री परेशान, कोहरे से स्पेशल ट्रेन समेत 5 ट्रेनें लेट, 2 एक्सप्रेस रद्द
LHB coach के फायदे? एलएचबी, पारंपरिक कोच की तुलना में 1.5 मीटर लंबे।बड़ी विंडो और सीटें आरामदायक।
बॉयो टॉयलेट्स की व्यवस्था, ज्यादा स्पेस।
एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम होने से डिब्बों का पटरी उतरने का खतरा कम।
एलएचबी कोच स्टेलनेस स्टील व एल्यूमिनियम निर्मित।
ब्रेक सिस्टम से ट्रेन को जल्दी रोकने में मदद।
दुर्घटना होने पर सेल्फ लाइफ ज्यादा।
एलएचबी कोच में माइक्रोप्रोसेसर।
कोच के तापमान को कंट्रोल करता है एयर कंडीश्निंग सिस्टम।