700 करोड़ रुपए खर्च कर बनेगा संग्रहालय खास बात यह है कि कंपनी ने नोएडा में इसके लिए जमीन भी देख ली है। कंपनी अपनी जमीन पर । वहीं कंपनी के इस प्रस्ताव पर मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे ने संस्कृत विभाग के अधिकारियों को इस निजी अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय के निर्माण और संचालन के लिए नीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। नीति बनने के बाद प्रदेश सरकार और निजी कंपनी के बीच सैद्धांतिक समझौता होगा। इसकी घोषणा 28 से 29 जुलाई को किए जाने की उम्मीद है।
इन बातों का रखा जाएगा ख्याल इस संग्रहालय को पीपीपी मॉडल पर बनाए जाने का प्रस्ताव है। नोएडा में प्रस्तावित यह अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय निजी क्षेत्र का होगा, इसलिए प्रदेश सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने से पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसके लिए बन रही नीति में कुशीनगर में प्रस्तावित मैत्रेय परियोजना में भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा और अन्य निर्माण के काम में आई अड़चनों के अनुभवों का भी ख्याल रखा जा रहा है। इस निजी अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय का संचालन कैसे होगा, इसके संचालन और रखरखाव में आने वाले खर्च का वाहन कौन करेगा, संग्रहालय में आने वाले दर्शकों के प्रवेश शुल्क व अन्य आदमी पर भी गौर किया जा रहा है।