ये भी पढ़ें- बुन्देलखंड में 2,185 करोड़ की पेयजल परियोजना का हुआ शुभारंभ, सीएम ने कहा- जल संरक्षण के लिए आगे आना होगा 25 जून को हुई थी पहली सुनवाई- कांग्रेस की तरफ से सदस्यता रद्द करने संबंधी दायर किए गए वाद की पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केसी कौशिक ने बताया कि फैसला सुरक्षित रखने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही निर्णय का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा। वहीं, रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह को उनके कानूनी विशेषज्ञों की टीम ने सहायता की। सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस की याचिका पर 25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की थी। वहीं, दूसरी सुनवाई 30 जून को हुई। उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे का कहना है कि, “उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कांग्रेस विधायक अदिति सिंह, राकेश सिंह और समाजवादी पार्टी के विधायक नितिन अग्रवाल की अयोग्यता से संबंधित सभी तीन याचिकाओं को 16 जुलाई तक निपटा दिया जाए।
लगातार बगावत कर रही थीं अदिति- अदिति सिंह और राकेश सिंह दोनो ही रायबरेली से कांग्रेस विधायक हैं। बीते वर्ष से कई ऐसे मौके आए जब दोनों ने पार्टी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया। कई मुद्दों पर पार्टी के रुख के खिलाफ बयानबाजी की है व व्हिप का उल्लंघन भी किया। अदिति सिंह दो अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर चलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में गई थी, जब्कि कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया था। हाल में राजस्थान से यूपी में बसों से लोगों को घरों तक पहुंचाने के मुद्दे पर भी अदिति ने कांग्रेस पर सवाल खड़े कर दिए थे।
पार्टी विरोधी गतिविधियों का लगा राकेश पर आरोप- वहीं राकेश सिंह पर विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में राकेश सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में रायबरेली से कांग्रेस की प्रत्याशी सोनिया गांधी को हराने की साजिश रची और बीजेपी प्रत्याशी को जिताने में लग गए। गौरतलब है कि बीजेपी प्रत्याशी दिनेश सिंह, राकेश के सगे भाई हैं।