डिजिटल और कैशलेस इंडिया (Digital and Cashless India) की ओर तेजी से बढ़ते कदम के बाद ऑनलाइन ठगी के चांसेज ज्यादा बढ़ गए हैं। लखनऊ के साइबर सेल प्रभारी विजय वीर सिरोही बताते हैं कि 2016 में 986 साइबर फ्रॉड की शिकायतें आई थीं, जबकि 2017 में 1600 साइबर फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। मतलब इस दौरान साइबर क्राइम का ग्राफ तेजी से (40 फीसदी) बढ़ा है।
लखनऊ के हजरतंगज स्थित साइबर सेल के प्रभारी विजयवीर सिरोही कहते हैं कि लोग जितना ज्यादा ऑनलाइन लेन-देन करेंगे, साइबर फ्रॉड के मामले उतने ही बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को बैंक अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के अफसरों की मदद से सुलझाया जा रहा है। लेकिन लोगों को खुद भी सावधानी बरतने की जरूरत है।
साइबर अपराधी वेबसाइट को क्लिक करवाने के नाम पर घर बैठे पैसा देने का ऑफर देते हैं। साथ ही लॉटरी पाने के नाम पर ईमेल के जरिये बैंक अकाउंट, पैन नंबर (Pan Card) आदि की जानकारी हासिल कर लेते हैं। इसके अलावा नामी-गिरामी कंपनियों के नाम पर ईमेल के जरिये नौकरी का ऑफर देने के साथ-साथ कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम्स के साथ ही लुभावने इंश्योरेंस का आवेदन देते हैं।
आधार नंबर के साथ अपना फिंगर प्रिंट न दें : आजकल आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम AEPS में आपका आधार आपके ATM तथा आपका फिंगर प्रिंट उसके PIN का कार्य करते हैं। आधार नंबर के साथ फिंगर प्रिंट देने पर आपके साथ किसी भी तरह की धोखा-धड़ी हो सकती है। आप इसकी शिकायत भी दर्ज नहीं करा सकते, क्योंकि फिंगर प्रिंट देने का मतलब ही यह है कि आप इसके लिए सहमत हैं। आजकल बहुत से लोग डोर टू डोर घूम रहे हैं जो पे-टीएम या फिर कोई दूसरी सर्विस के बहाने आपका आधार नंबर व फिंगर प्रिंट ले लेते हैं। इसलिए किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने आधार नंबर के साथ अपना फिंगर प्रिंट न दें। परिजनों और दोस्तों को भी सावधान कर दें।
साइबर अपराधी कहीं से आपका ई-मेल आईडी लेकर उस पर मेल भेजते हैं, जिनमें नौकरियां और लुभावने ऑफर की बात होती है। अपराधी इन ई-मेल्स के जरिए आपकी पर्सनल डिटेल हासिल करना चाहते हैं। ऐसे में किसी भी अनजाने मेल पर क्लिक करने से बचें।
आपके सिस्टम से भी ऑनलाइन डाटा चोरी होने का खतरा रहता है। इसलिए अपने कंप्यूटर की सिक्योरिटी उच्च स्तर की बनाए रखें। इसके लिए जरूरी है कि सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर या एंटी वायरस सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें। इससे नए वायरस तत्काल पकड़ में आ जाएंगे।
इंटरनेट सर्फिंग करते समय विशेष ध्यन रखें, खासकर जब आप मोबाइल के जरिए शॉपिंग करते हों या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हों। मोबाइल यूजर पूरी तरह आश्वस्त हो लें कि जेब में मोबाइल रखने से पहले उन्होंने मोबाइल लॉक कर लिया है। नहीं तो आप नुकसान में पड़ सकते हैं। क्योंकि अगर आपका मोबाइल लॉक नहीं है तो जल्दबाजी में कोई भी गलत बटन दब सकता है। संभव हो तो मोबाइल को जेब में रखने से पहले इंटरनेट बंद कर दें।
ऑनलाइन ठगी से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है कि आप लगातार अपना पासवर्ड बदलते रहें। इस दौरान यह भी ध्यान रखें कि किसी भी वेबसाइट पर पासवर्ड याद रखने के विकल्प रिमेंमबर मी पर कतई क्लिक न करें। ये आपके लिए नुकसान देह साबित हो सकता है। पासवर्ड बदलते समय ध्यान रखें कि कभी भी अपने परिजनों के नाम बच्चों के बर्थडे की तारीखों से न रखें, क्योंकि इससे आप हैकर्स की राह आसान कर देंगे।
कई मामलों में देखा गया है कि ऑनलाइन ठगी करने वाले लोग क्रेडिट/डेबिट कार्ड रिन्यू कराने के नाम पर लोगों को फोन करते हैं। खुद को बैंक का अधिकारी/कर्मचारी बताते हुए आपके क्रेडिट/डेबिट कार्ड के एक्सपायर होने की बात कहते हैं। आपको डराते हैं कि अगर आज ही इसे अपडेट नहीं किया तो आपका क्रेडिट/डेबिट कार्ड बंद हो जाएगा। उसे सही करने के लिए वो आपसे आपके कार्ड का नंबर और पिन नंबर आदि मंगाते हैं। भूलकर भी ये डिटेल न दें, वरना आप ठगी का शिकार हो जाएंगे।