– प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (RTO) से लाइसेंस लेना जरूरी है।
– इसके लिए नजदीकी आरटीओ ऑफिस में आवेदन कर सकते हैं।
– आवेदन करने के साथ ही 10 रुपए का एफिडेविट देना होगा, जिसमें टर्म एंड कंडीशन भी लिखनी होती हैं।
– इसके अलावा लोकल अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लेना होता है।
– उत्तर प्रदेश के लोग PUC के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
– लाइसेंस मिलने के बाद प्रदूषण जांच केंद्र कहीं भी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के आसपास खोला जा सकता है।
– प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए फीस हर राज्य में अलग-अलग है। इसे आरटीओ ऑफस से पता लगाया जा सकता है, लेकिन कहीं भी यह फीस 10,000 रुपये से ज्यादा नहीं है।
– पीले रंग के केबिन में ही प्रदूषण जांच केंद्र खोला जा सकता है, जिसकी लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
– प्रदूषण केंद्र सेंटर पर लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य है।
– PUC खोलने के लिए ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) से प्रमाणित सर्टिफिकेट होना चाहिए।
– प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए कम्प्यूटर सबसे जरूरी है। इसके अलावा USB वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन, स्मोक एनालाइजर है।