लखनऊ. पिछले दस साल के भीतर प्रदेश में बनीं ऊंची-ऊंची गगनचुंबी इमारतों, मल्टीप्लेक्सों, कलात्मक एवं भव्य मंदिरों, शॉपिंग मॉल्स आदि को देखकर सचमुच आश्चर्य होता है कि आखिर इस निर्माण कार्य को किस प्रकार से अंजाम दिया गया होगा। दरअसल यह कमाल है एक आर्किटेक्ट का, जिसकी योजनाओं और रणनीति पर अमल कर इस तरह के निर्माण कार्य संपन्न किए जाते हैं।
इस हुनर को आर्किटेक्चर के नाम से जाना जाता है या यूं कहें कि आर्किटेक्चर रचनात्मक कौशल का प्रयोग कर डिजाइनिंग तथा भवन निर्माण की कला का नाम है। सामाजिक, तकनीकी और पर्यावरणीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इमारतों के निर्माण तथा कला-विज्ञान का मिला-जुला रूप ही आर्किटेक्चर कहलाता है। वहीं इसकी पूरी प्लानिंग प्लानर करता है। आर्किटेक्चर, प्लानिंग और डिजाइनिंग को ध्यान में रखते हुए रविवार को हजरतगंज स्थित होटल सरोवर पोर्टिको में पहल अकेडमी की ओर से आर्किटेक्चर फेस्ट ऑर्गनाइज करवाया गया। इस फेस्ट में देश भर से आए कई कॉलेजों ने अपने स्टॉल्स लगाकर छात्रों की क्वेरीज क्लीयर कीं। इनमें मोदी यूनिवर्सिटी(लक्ष्मणगण), निम्स यूनिवर्सिटी(जयपुर),वर्ल्ड स्कूल ऑफ डिजाइन सोनीपथ मुख्य थे।
प्लानिंग में स्कोप
निम्स स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के प्रोफेसर प्रशांत विजयवर्गीय का कहना है कि इन दिनों तेजी से प्लानिंग का स्कोप बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यह कोर्स सबसे ज्यादा डिमांड में होगा। अभी आर्किटेक्ट तो मिल जाते हैं लेकिन प्लानर आसानी से नहीं मिलते। सरकार भी इस कोर्स को बढ़ावा दे रही है। निम्स यूनिवर्सिटी में बैचलर्स ऑफ प्लानिंग नाम का चार साल का कोर्स शुरू किया गया है जिसमें स्टूडेंट्स को प्लानिंग की बारिकियों को समझाया जाएगा। इसके अलावा वहां आर्किटेक्चर की पढ़ाई भी होती है।
आर्किटेक्चर में स्कोप
मोदी यूनिवर्सिटी के मैनेजर-एडमिशंस(यूपी) अखिलेश प्रताप सिंह का कहना है कि यूपी में अब आर्किटेक्चर का स्कोप पिछले दिनों काफी बढ़ा है। यह एक अच्छा संकेत है। देश में अभी भी अच्छे आर्किटेक्ट और प्लानर्स की जरूरत है। मोदी यूनिवर्सिटी में बैचलर्स ऑफ आर्किटेक्चर का पांच वर्षीय कोर्स होता है। इसके अलावा वहां प्लानिंग की पढ़ाई के लिए मास्टर्स का कोर्स अवेलबल है।
डिजाइनिंग में स्कोप
वर्ल्ड स्कूल ऑफ डिजाइन की सेल्स एंड मार्केटिंग हेड पुष्पा शर्मा के मुताबिक डिजाइनिंग में इन दिनों काफी स्कोप बढ़ा है। अब लोगों का लक्ष्य न केवल बड़ी बिल्डिंग्स बनवाना है बल्कि उनकी डिजाइनिंग पर भी फोकस करना है। उनके संस्थान में बैचलर्स ऑफ डिजाइनिंग और बैचलर्स ऑफ आर्किटेक्चर की पढ़ाई होती है।
इस मौके पर पहल इंस्टिट्यूट के संस्थापक अबद अली ने कहा कि उनका प्रयास है कि लखनऊ में ऐसे कई और फेस्ट आने वक्त में ऑर्गनाइज करवाए जाएं।