मौरंग के नीचे दब कर खत्म हो गया परिवार
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि देर रात तेज आवाज सुनकर लोग दौड़े बाहर आए तो देखे झोपड़ी पर मौरंग लदा डंपर पलटा था। सभी उसके नीचे दबे थे। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से किसी तरह मौरंग और डंपर के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। मृतक उमेश पिछले 12 महीने से यहां पर टाइल्स, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करता था।
परिवार में सिर्फ एक बेटी ही बची
डंपर पलटने की आवाज इतनी तेज थी कि पूरा इलाका गूंज गया। परिवार की चीख दब गई। जब तक लोग पहुंचे तब तक सब खत्म हो चुका था। डंपर नंबर यूपी 43 बीटी 1829 के ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। परिवार में सिर्फ एक बेटी वैष्णवी ही बची है। पुलिस ने बताया, डंपर का ड्राइवर भी दुर्घटना में घायल हुआ है। लोगों के आक्रोश से बचने के लिए छिप गया। पुलिस फोर्स के आने के बाद वह सामने आया। उसे राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ड्राइवर पंकज गोंडा के कर्नलगंज के ओझापुरवा का रहने वाला है।