राज्यपाल ने इस अवसर पर अपनी आदरांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गुरूनानक देव केवल एक महान संत ही नहीं बल्कि एक महान समाज सुधारक भी थे। गुरू नानक ने प्रेम, एकता और मानवता का जो संदेश दिया उसका उद्देश्य मानव जाति को मायाजाल से निकाल कर बराबरी का दर्जा देना था। गुरू नानक देव ने जाति-पाति का भेद समाप्त करके आदर्श समाज की स्थापना के लिए जो पावन संदेश दिया, वह सदैव प्रासंगिक रहेगा। राज्यपाल ने कहा कि गुरूद्वारा में चलने वाला लंगर इसी एकता और सौहार्द का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के आदर्श हमारे जीवन में पवित्रता लाने और समाज के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
राम नाईक ने कहा कि सिख समुदाय ने देश की रक्षा के लिए जो कार्य किया है वह ऐतिहासिक है। इतिहास साक्षी है कि जब देश पर विदेशी आक्रमण हुआ, तो उसे सिख समाज ने परास्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सिख समाज का योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने योग्य है। राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए सिख समाज से जुड़े एक प्रसंग को भी उद्धृत किया। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में आया कि गुरूद्वारा में लंगर के लिए उपयोग किये जाने वाले गैस सिलेंडर व्यवसायिक दर पर उपलब्ध कराये जाते हैं तो उन्होंने पूर्व के आदेश को परिवर्तित करते हुए सभी गुरूद्वारों को घरेलू दर पर सिलेंडर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरूनानक देव ने 550 वर्ष पूर्व मानवता के कल्याण के लिए सत्संग के भाव के साथ अवतार लिया था। उन्होंने बिना भेदभाव के लोक कल्याण के लिए अनेक यात्राएं की जिनका वृतान्त हमारे सामने है। देश की आजादी में सिख समाज के पराक्रम को सभी मानते है।
गुरू नानक देव ने जातिगत भेदभाव और छुुआछूत को दूर करने के लिए जो कार्य किया वह एक प्रकाश पुंज है। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के सम्मान के लिए नई पीढ़ी को महापुरूषों द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘करतारपुर कारिडोर’ बनाने के फैसले का स्वागत किया। समारोह में राजेन्द्र सिंह बग्गा अध्यक्ष गुरूद्वारा प्रबन्ध समिति ने स्वागत उद्बोधन के साथ राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं महापौर को सरोपा भेंट करके सम्मानित किया।