तापमान में गिरावट से बढ़ी मुश्किलें बढ़ती ठंड के कारण शनिवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। कामकाजी लोगों को सुबह उठने से लेकर दफ्तर तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है। स्कूली बच्चों की मुश्किलों को देखते हुए ज्यादातर जिलों में आठवीं तक के विद्यालय बंद कर दिए गए हैं। दूर स्थित दफ्तरों तक पहुंचने वालों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। सड़क पर फैला कोहरा और धुंध वाहनों को तेज गति से चलने नहीं दे रहा। घर वापसी के समय लोगों को काफी मुश्किलें हो रही हैं। शाम के समय दुर्घटना की आशंका में लोग बेहद धीमी गति से गाडी चलाकर घर पहुंच रहे हैं।
कंबल और अलावा की नहीं व्यवस्था सर्दी के मौसम में बेसहारा और गरीब परिवारों को चिह्नित कर कंबल बांटने का काम शुरू किया जाता है लेकिन दिसंबर बीतने को है और अभी भी ज्यादातर स्थानों पर लोगों को कंबल नसीब नहीं हो सके हैं। जिला प्रशासन और नगर निगम ने ज्यादातर क्षेत्रों में पात्रों को चिह्नित करने का काम तब शुरू किया जब कड़ाके की ठंड शुरू हो गई। प्रदेश के कुछ हिस्सों में कंबल बांटने का काम शुरू किया गया है लेकिन ज्यादातर जगहों पर लोगों को अभी भी राहत का इन्तजार है। अलाव की भी व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। कुछ चिह्नित स्थानों को छोड़कर ज्यादातर जगहों पर लोग ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं। सबसे ज्यादा तकलीफ उन लोगों को झेलनी पड़ रही है जिनके पास रहने के लिए अपना घर तक नहीं है।
सरकारी व्यवस्था पर विपक्ष ने उठाये सवाल सर्दी में सरकारी की बदइंतजामी पर प्रदेश में विपक्षी दलों ने हमलावर रुख अपनाया है। सदन में भी विपक्षी दलों ने गरीबों के लिए कंबल और स्वेटर की व्यवस्था में लापरवाही पर सरकार को घेरा। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अखिलेश यादव ने लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तंज कसा। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी के लोग जनपदों में बेसहारा लोगों को सर्दी में कंबल उपलब्ध कराने की मुहिम शुरू करेंगे।
सरकार के बेदम दावे विपक्ष के आरोपों को ख़ारिज करते हुए सरकार गरीबों के लिए सारे इंतजाम शुरू करने के दावे कर रही है। हालांकि परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को अब तक स्वेटर उपलब्ध न हो पाना सरकार की लेटलतीफी को दर्शाता है। लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है जब पिछले दिनों बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने एक कार्यक्रम में यह कहा कि जब तक सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चों को स्वेटर नहीं मिल जाते, वे भी स्वेटर नहीं पहनेंगी। हालांकि मंत्री के इस बयान का कोई ख़ास असर नहीं दिखा और हकीकत यह है कि ज्यादातर परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को स्वेटर उपलब्ध नहीं हो सके हैं। गरीबों को कंबल बांटने की योजना का भी यही हाल हो चुका है लेकिन सरकार का दावा है कि लगातार पात्र लोगों को चिह्नित कर उन्हें मदद मुहैया कराई जा रही है।
कोहरे से कई वाहन भिड़े कोहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जालौन में कोहरे के कारण झांसी-कानपुर नेशनल हाईवे पर एक के बाद एक चार वाहन आपस में टकरा गये। हादसे में आधा दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गये। घटना की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और गाडियों में फसे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को इलाज के लिये नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। क्रेन की मदद से वाहनों को हटाया गया तब यातायात शुरू हो सका। घटना एट थाना क्षेत्र के ग्राम पिरौना के निकट की है।