रक्षाबंधन से पहले आशा बहनों को योगी ने दिया बड़ा गिफ्ट, सरकार ने इस सुविधा का किया ऐलान
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा जारी इस शासनादेश के अनुसार, फीस निर्धारण समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। समिति का गठन 12 जून, 2024 को किया गया था, ताकि निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के शुल्क का निर्धारण किया जा सके।लखनऊ मंडल में 15 से 18 अगस्त तक तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी किया चेतावनी
शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी संस्था द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए शुल्क निर्धारण के संबंध में आवेदन नहीं किया गया था, इसलिए पूर्व निर्धारित शुल्क को ही वर्तमान सत्र के लिए विधिमान्य रखा गया है।Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर लखनऊ में शराब की दुकानें रहेंगी बंद, DM ने जारी किया आदेश
इस निर्णय के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम संचालित करने वाले 26 निजी मेडिकल कॉलेजों की वार्षिक फीस ₹11 से 14 लाख के बीच निर्धारित की गई है। वहीं, नॉन एसी छात्रावास का शुल्क ₹1.50 लाख और एसी का शुल्क ₹1.75 लाख तय किया गया है। इसके अलावा, ₹3 लाख (सिक्योरिटी मनी, वापसी) और विविध शुल्क ₹85 हजार प्रति वर्ष भी देना होगा।फीस निर्धारण समिति का गठन और सरकार का अहम निर्णय
बीडीएस पाठ्यक्रम के लिए 19 निजी डेंटल कॉलेजों की वार्षिक फीस ₹3 से 4 लाख के बीच तय की गई है। नॉन एसी हॉस्टल का शुल्क ₹85 हजार और एसी हॉस्टल का शुल्क ₹1.05 लाख वार्षिक रखा गया है।इस निर्णय से निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी और वे बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।