2024 तक बन जाएगा मंदिर राम जन्म की कार्यशाला वर्ष 1990 में बनाई गई थी। यहां पर बंसी पहाड़पुर के पत्थरों को तराश कर के मंदिर निर्माण के लिए रखा गया था। तीन दशक बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देख रेख में रामलला का बहुप्रतीक्षित मंदिर बनना शुरू हो चुका है। और 2024 जनवरी में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।
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खुशखबर : अयोध्या में श्रीराम गर्भगृह की पहली लेयर पूरी, प्लिंथ का काम भी 60 प्रतिशत पूरा मुस्लिम ने समझा अपना सौभाग्य विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि, यह चौखट-बाजू 2000 वर्ष तक सुरक्षित रहेगा। इन्हें तैयार कर अयोध्या के कार्यशाला रखा गया है। मुस्लिम कारीगरों ने इन चौखट—बाजू में अपना पूरा हुनर उकेर दिया है। जब पत्थर की तरासी हुई तो मकराना में जो फर्म थी वह मुस्लिम समाज की थी। और वहां के मुस्लिम लोगों ने अपना सौभाग्य समझा कि, राम जन्मभूमि के चौखट बाजू में हमारे हाथों से नक्काशी के पत्थर लगेंगे। ट्रस्ट का कहना है कि, जल्द ही मंदिर निर्माण के लिए रखे गए सभी पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर पहुंचा दिया जाएगा।
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अयोध्या के महंत परमहंस दास ने ओवैसी का पोस्टर जलाया कहा, अगली बार जिंदा जलाएंगे मंदिर की सुरक्षित पर लगातार मंथन मंदिर की भव्यता को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट लगातार कार्य कर रहा है। समय-समय पर भवन निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में कार्यदायी संस्था के सदस्य मंदिर निर्माण को लेकर मंथन करते हैं। ट्रस्ट की मंशा है कि, 500 वर्षों के संघर्ष के बाद बनाए जा रहे हैं रामलला का मंदिर हजारों वर्ष तक सुरक्षित रहे। इसमें वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर का प्रथम तल 2024 तक बनकर तैयार होगा।