शहरों और गाँव के पर्यावरण संतुलन पर ज़ोर मंत्री द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगरीय क्षेत्र के असंतुलित हो रहे पर्यावरण को संतुलित करने, जन-मानस को पेड़-पौर्धों के महत्व के बारे में जागरूक करने तथा उन्हें अधिक से अधिक वृक्षारोपण हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से पौधरोपण किया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मंत्री जी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि पौधों के रोपण के उपरान्त उसकी देख-भाल भी नियमित रूप से करें, जिससे यह पर्व सार्थक हो सके।
हर अधिकारी कर्मचारी 100 लोगो से संपर्क करें मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी व कर्मचारी सप्ताह में एक दिन किसी भी न्याय पंचायत में जायंगे, जहां 100-150 लोगों से सम्पर्क कर उन्हें विभागीय योजनाओं के सम्बन्ध में अवगत करायेंगे तथा प्रत्येक ग्राम सभा के कम से कम 5-5 लोगों तक योजना की जानकारी पम्पलेट के माध्यम से देंगे। योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिये जनपद के किसी एक गांव का चयन कर उसमें सभी कार्यक्रम संचालित करें, जिससे दूसरे गांव के लोगों के लिये मॉडल स्थापित हो। विभागीय प्रक्षेत्र में क्या नया किया जा सकता है, इसका सुझाव सभी अधिकारी उपलब्ध करायें, जिससे उसके विकास की योजना बनायी जा सके।
कृषि और बागवानी क्षेत्र के एक्सपर्ट और अधिकारी मौजूद इस अवसर पर डॉ आर०के० तोमर, निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ०प्र0 जय मंगल राव, वित्त नियंत्रक, डॉ0 सर्येश कुमार, संयुक्त निदेशक (उद्यान), डा० विजय बहादुर द्विवेदी, संयुक्त निदेशक (शाकभाजी), बीरेन्द्र यादव, संयुक्त निदेशक (खाद्य प्रसंस्करण)/ उप निदेशक उद्यान, लखनऊ मण्डल, डॉ० आर०.के.सिंह, उप निदेशक (पौध रक्षा), डॉ० धर्मपाल यादव, उप निदेशक (आलू),. डॉ.वीरेन्द्र सिंह, प्रभारी अधिकारी, राजकीय ऊतक सम्वर्दधन प्रयोगशाला, अवनीश श्रीवास्तव, आलू एवं शाकभाजी विकास अधिकारी, डॉ0 जय राम वर्मा, अधीक्षक राजकीय उद्यान, बैजनाथ सिंह, जिला उद्यान अधिकारी सहित उपस्थित समस्त अधिकारियों एवं उद्यान कर्मचारियों द्वारा पौध रोपण कर पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लिया।