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लखनऊ के बालागंज मोहल्ला निवासी गृहणी संगीता (45) कहती हैं कि पहले से ही क्या महंगाई कम थी, जो गैस सिलेंडर के 25 रुपये बढ़ा दिये। संगीता की तरह की कई महिलाओं ने गैस की बढ़ी कीमतों पर नाराजगी जताई है। सभी कहना है कि सरकार को गैस की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाना चाहिये।गैस सिलेंडर के दामों में बढोत्तरी इंटरनेशनल मार्केट पर निर्भर करती है। इंडियन ऑयल के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि और डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत में आई गिरावट के चलते गैस सिलेंडर के दामों में इजाफा हुआ है।
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हर महीने घटते बढ़ते हैं सब्सिडी के दामएवरजे इंटरनेशनल बेंचमार्क रेट दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर (Foreign currency exchange rate) के मुताबिक एलपीजी सिलेंडर के की सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता रहता है। इंटरनेशनल मार्केट में जब दरें बढ़ती हैं तो सरकार सब्सिडी अधिक देती है और जब दरें नीते आती हैं तो सब्सिडी में कटौती की जाती है। रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है।
वर्ष 2014 से अब तक सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर करीब 100 रुपए महंगा हो चुका है। मई 2014 में जब केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई थी, तब सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 414 रुपए का था।
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गैस सिलेंडर के रेट– घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) – 771.50 रुपए, सब्सिडी- 274.41 रुपए
– घरेलू गैस सिलेंडर (5 किलोग्राम)- 282.50 रुपए, सब्सिडी- 96.62 रुपए
– कॉमर्शियल गैस सिलेंडर (19 किलोग्राम)- 1403.50 रुपए