anamika father,अनामिक न प्रिया, 25 जिलों में नौकरी करने वाली निकली सुप्रिया, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजी गई जेल
लखनऊ. बेसिक शिक्षा विभाग को चकमा देकर 25 जिलों में नौकरी करती शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे सामने आ रहे हैं। यह शिक्षिका न अनामिका शुक्ला है (Anamika Shukla Fraud Case), न अनामिका सिंह और न ही प्रिया सिंह। फर्जी महिला शिक्षिका का असली नाम सुप्रिया सिंह है। पूछताछ में उसने न केवल अपने नाम बदलकर बताए, बल्कि पता भी गलत बताया। आरोपी शिक्षिका को अदालत में पेश किया गया जहां कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उधर, सुप्रिया के पकड़े जाने पर उसके परिजनों ने इस मामले में कई खुलासे किए हैं। बेटी के पकड़े जाने के बाद उसके पिता महिपाल पहली बार सबके सामने आए हैं। उनका कहना है कि उन लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है।
मेरी बेटी निर्दोष है आरोपी शिक्षिका के पिता महिपाल का कहना है उनकी बेटी सुप्रिया निर्दोष है। उन्होंने बताया कि सुप्रिया ने बीएससी या बीएड की पढ़ाई नहीं की है। बीए करने के दौरान उसकी दोस्ती मैनपुरी निवासी नीतू नाम के युवक से हो गई, वह उसे कंपिल में मिला था। बीए पास करने के बाद उसने सुप्रीया को संविदा पर नौकरी लगवाने के लिए डेढ़ लाख रुपए मांगे। जैसे-तैसे 50 हजार रुपए दिए और बाकी नौकरी लगने के बाद वेतन से काटने को कहा। इस पर नीतू राजी हो गया। उसने कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में सुप्रिया की साइंस टीचर के पद पर नौकरी लगवाई थी। वेतन मिलने के बाद उसने एक लाख रुपए भी ले लिए थे। महिपाल ने कहा कि शातिर नीतू के झांसे में आकर वह लोग ठगी का शिकार हुए हैं और डेढ़ लाख रुपये ठगे गए। उनकी बेटी निर्दोष है।
एसटीएफ की टीम पहुंची बता दें कि रविवार को एसटीएफ की टीम सोरो कोतवाली पहुंची। यहां फर्जी शिक्षिका से एसटीएफ ने देर तक पूछताछ की। पूछताछ पूरी होने के बाद आरोपी शिक्षिका को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है। इस संबंध में एसपी सुशील घुले ने बताया कि पुलिस की टीमें जांच के लिए गई स्थानों पर भेजी गई हैं। जांच चल रही है, पूछताछ में जिन लोगों के संपर्क फर्जी शिक्षिका के मामले में पता चले हैं उन्हें चिह्नित कर जांच की जाएगी।