भरी दोपहर 3 बजे निराला नगर में दंगाई पहुंचे थे। उन्हें देखते ही इलाके में भगदड़ की स्थिति बन गई। दंगाइयों में शायद ही कोई ऐसा हो जिसके पास डंडा, कुल्हाड़ी, ईंट पत्थर, कुदाली आदि न हो। गुरुदयाल सिंह भाटिया के मकान के बारे में दंगाई पहले से जान रहे थे कि यहां पर मार की तो एक साथ दर्जन भर से ज्यादा सिख समुदाय के लोगों को सबक सिखाया जा सकेगा तो पहले वहीं पर हमला बोला गया।
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मुस्लिमों के लिए सुन्नी उलमा काउंसिल का बड़ा ऐलान, अब नए तरीके से करेंगे प्रदर्शन इमारत के बाहर बना दिया अग्निकुंड आधे दंगाई इमारत के अंदर घुसे और बाकी घर के बाहर मौजूद थे। जो दंगाई इमारत में घुसे थे उन्होंने वहां से सिख समुदाय के लोगों का घरेलू सामान जैसे टीवी, बिस्तर, ट्रांजिस्टर, सोफा, कुर्सी, मेज, चादर, बक्से आदि बाहर निकाल कर फेंकने लगे। खूब सारा सामान इकट्ठा होने के बाद स्टोव लाया गया और उसमें से मिट्टी का तेल निकालकर सड़क पर फेंके गए सामान पर डाला गया। बाहर खड़े दंगाइयों ने उसमें आग लगा दी। इमारत में घुसे दंगाइयों में से ज्यादातर बाहर आ गए। उसमें फंसे सिख परिवार खुद को बचाने के लिए छत पर भागे। जो दंगाई इमारत के अंदर रह गए थे। वह भी उनके पीछे भागे। छत से दूसरी छतों और नीचे कूदकर सिख परिवारों ने अपनी जान बचाई। मगर रक्षपाल सिंह और भूपेन्द्र सिंह दंगाइयों के बीच फंस गए। उन्हें बुरी तरह से पीटा गया और फिर उन्हें छत से उसी अग्निकुंड में फेंक दिया गया। दोनों को जिंदा जलाकर मार दिया गया। जाते जाते दंगाइयों ने सरदार गुरुदयाल सिंह भाटिया और उनके बेटे सतवीर भाटिया को गोली मार दी। सतवीर सिंह भाटिया की भी मौके पर मौत हो गई।
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चौरासी दंगों के गुनहगारों की गिरफ्तारियां बहुत जल्द, 72 आरोपितों की सूची में बड़े नाम जान बचाने को अलग- अलग घरों में घुसे लोग दृश्य इतना भयावह था कि कुछ ही देर में सड़क खाली हो गई थी और जो थोड़े बहुत बचे लोग थे वह जान बचाने के लिए दूसरे के घरों में शरण पा रहे थे।
चार इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
कानपुर में 1984 में भड़के सिख दंगे में किदवई नगर थाने में दर्ज हत्या और डकैती के मामले में एसआईटी ने चार आरोपितों को घाटमपुर से गिरफ्तार कर लिया है। इन चारों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है। गिरफ्तार करने वाली टीम को 50 हजार के इनाम की घोषणा की गई है। निराला नगर में एक नवंबर 1984 को दंगाइयों ने एक इमारत में आग लगा दी थी जिसमे एक दर्जन से अधिक सिख परिवार रहते थे। शिवपुरी घाटमपुर निवासी सफीउल्ला (64), जलाला घाटमपुर निवासी योगेंद्र सिंह उर्फ बब्बन बाबा (65), वेंदा घाटमपुर निवासी विजय नारायण सिंह उर्फ बच्चन सिंह (62) और अब्दुल रहमान उर्फ लंबू (65)। डीआईजी के मुताबिक अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।