एलडीए के मुख्य अभियंता इंदू शेखर सिंह का कहना है कि पालिथीन मिक्स करने से डामर, बजरी व गिट्टी की ताकत पहले की अपेक्षा 40 प्रतिशत तक ज्यादा बढ़ जाएगी। जिससे सड़कों को मतबूती मिलेगी और इसी मजबूती से शहर की सड़कों की उम्र भी काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। पालिथीन से बनी सड़कों को उम्र आरसीसी से बनी सड़कों से ज्यादा होगी। जिससे सड़कों पर चलने वाले लोगों को राहत मिलेगी। साथ ही आने वाले समय में होने वाली दुर्घटनाओं से भी राहत मिलेगी।
आईआईटी कानपुर ने दी सहमति
लखनऊ को प्रदूषण मुक्त शहर बनाने के लिए एलडीए ने पॉलिथीन से सड़क बनाने के लिए आईआईटी कानपुर से मदद मांगी, जिस पर आईआईटी कानपुर ने भी मदद देने के लिए अपनी सहमति दे दी है। फिलहाल सैंपल के तौर पर शहर में केवल तीन सड़कें बनाने की तैयारी है। इन सड़कों पर कम से कम तीन साल तक नजर रखी जाएगी। इसके बाद ही शहर की अन्य सड़के पॉलिथीन से बनाई जाएंगी।
300 मीटर सड़क बनाने में लगेगी 3 टन पॉलिथीन
प्राधिकरण के मुख्य अभियंता के मुताबिक करीब 300 मीटर दूरी तक की सड़क बनाने में लगभग एक टन पॉलिथीन का इस्तेमाल होगा। एलडीए ने अभी तक 3 टन पॉलिथीन एकत्रित कर ली है। पॉलिथीन से सड़क बनाने में बजरी, गिट्टी व डामर के साथ पालिथीन का भी उपयोग होगा। सड़क बनाने के लिए डामर के साथ पॉलिथीन केवल 8 प्रतिशत ही मिलाया जाएगा बांकी का 92 प्रतिशत डामर मिलाया जाएगा। जिससे सड़क को मजबूती मिलेगी।
यहां भी बनेगा पॉलिथीन से रोड
एलडीए ने आईआईएम के पास भी पॉलिथीन से सड़क बनाने का फैसला किया है। जिसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। इस तरह राजधानी के बसंतकुंज योजना और पारा में भी पॉलिथीन से सड़क बनाई जाएगी।
पॉलिथीन से सड़क बनाने के फायदे
– पॉलिथीन से बनने वाली सड़कें डामर व आरसीसी से बनने वाली सड़कों से काफी ज्यादा मजबूत होगी।
– बरसात का पानी एकत्र होने पर पॉलिथीन से बनी सड़कों को कोई नुकसान नहीं होगा।
– पॉलिथीन से सड़क बनने पर शहर को कचरे से मुक्ति मिलेगी और शहर का प्रदूषण भी कम होगा।
– शहर साफ सुथरा और प्रदूषण मुक्त दिखेगा, जिससे लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी।