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लंबे समय से हो रही पुरानी पेंशन बहाली की मांगयूपी में सरकारी अफसर, कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं। बीते फरवरी माह में भी प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद उसे टाल दिया गया था। अब सरकार के इस बयान के बाद एक बार फिर कर्मचारी आंदोलित हो सकते हैं।
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पुरानी पेंशन व्यवस्था vs नई पेंशन व्यवस्था– पुरानी पेंशन व्यवस्था का शेयर मार्केट से कोई सम्बंध नहीं था, जबकि न्यू पेंशन स्कीम एक म्यूचुअल फंड की तरह है, जो शेयर मार्केट पर आधारित व्यवस्था है।
– पुरानी पेंशन में हर साल डीए जोड़ा जाता था, जबकि नई पेंशन में ऐसा नहीं है।
– पुरानी पेंशन व्यवस्था में गारंटी थी कि कर्मचारी या अधिकारी की आखिरी सैलरी का लगभग आधा उसे पेंशन के तौर पर मिलेगा, जबकि नई पेंशन में ऐसी कोई गारंटी नहीं है
– नौकरी करने वाले व्यक्ति का जीपीएफ अकाउंट खोला जाता था, जबकि नई व्यवस्था में कर्मचारी का जीपीएफ एकाउंट बंद कर दिया गया है।
– पुरानी पेंशन व्यवस्था में सरकार की तरफ से आजीवन पेंशन मिलती थी, नई स्कीम में ऐसी व्यवस्था नहीं है।