दरअसल राज्य सरकार उप्र इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति में संशोधन कर उन सभी कमियों को दूर करना चाहती है, जो अब तक होती आ रही हैं। वहीं पार्किंग में बनने वाले चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के अलावा जरूरी सुविधाएं भी दी जाएंगी। हालांकि अभी तक उप्र में अभी तक इसकी बेहतर व्यवस्था नहीं है। हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सबसे जरूरी चार्जिंग स्टेशन है। जिसे देखते हुए बैठक में घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के आसपास स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने पर चर्चा हुई।
इन 9 शहरों को योजना में किया गया शामिल बैठक में चर्चा के दौरान आपसी विचार विमर्श में सुझाव आया कि शहर के सार्वजनिक पार्किंग क्षेत्रों में चार्जिंग की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिए नौ शहरों को चुना गया है, जिनमें गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, आगरा, मथुरा, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज के लिए नगर विकास विभाग योजना तैयार की जाएगी। जबकि नोएडा के लिए औद्योगिक विकास विभाग योजना तैयार करेगा।
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नोएडा के इन पार्क में मनाइए वीकेंड, कम बजट में मिलेगा फुल मस्ती का मौका उच्च स्तरीय से मंजूरी के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा हालांकि इस योजना के तहत ये व्यवस्था बनाई जाएगी कि किस शहर में कितने पार्किंग स्थानों या अन्य क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जानी है। इसके लिए करार का प्रारूप क्या होगा और इस पर अनुमानित कितनी लागत का खर्चा आएगा। उच्च स्तरीय से मंजूरी मिलने के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।