लखनऊ. मध्य अप्रैल में चैत्र के महीने में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इसे बसंती पूजा कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों में देवी दुर्गा की पूजा का उल्लेख बसंत ऋतु में है। बसंत ऋतु में लोग मां दुर्गा का धन्यवाद करते हुए फसल की कटाई शुरू करते है। यह माना जाता है कि देवी दुर्गा की मुख्य रूप से बसंत के दौरान पूजा की थी।
बसंती दुर्गा पूजा प्रदेश में बहुत लोकप्रिय नहीं है। यह पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर आयोजित की जाती है।
यह पूजा नवरात्रि के अंतिम चार दिनों के दौरान आयोजित की जाती है। दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल में अपनाई जाने वाली रस्में उत्तर भारत में भी अपनाई जाती हैं।
क्यों मनाई जाती है दो दुर्गा पूजा
मधुलिका घोष बताती हैं कि दोनों दुर्गा पूजा में बसंती पूजा और शारदीय दुर्गा पूजा में खासा अंतर् उनके मनाने के समय में होता है। बाकी रस्मे अधिकतर वही होती हैं। कहा जाता है कि शारदीय पूजा पहले शरद ऋतु में भगवान राम द्वारा मनाई जाती थी। उससे पहले तक दुर्गा पूजा वसंत ऋतु में ही मनायी जाती थी। भगवान राम ने रावण को मारने के लिए ‘अकलबोधन’ (जागरण) किया था। उनसे प्रसन होकर माँ दुर्गा ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। तभी से शारद ऋतु में यह मनाई जाने लगी।
Hindi News / Lucknow / भगवान राम के चलते दो बार मनाई जाती है दुर्गा पूजा, पढ़िए पूरी खबर