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लखनऊ

एक नहीं होते पिस्टल और रिवॉल्वर, जानिए क्या है अंतर

Difference Between Pistol and Revolver: आमतौर पर अब लोग घरों में सुरक्षा और कुछ लोग अपने शौक के लिए रिवॉल्वर और पिस्टल रखते हैं। लेकिन यदि आप अस्त्र और शस्त्र के शौकीन हैं तो कि तो जान लीजिए कि रिवॉल्वर और पिस्टल एक नहीं होते हैं।

लखनऊApr 09, 2022 / 03:52 pm

Snigdha Singh

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Difference Between Revolver and Pistol

अब के समय में महिलाओं से लेकर पुरुष तक सुरक्षा के लाइसेंसी हथियार रखते हैं। पहले के जमाने में बड़ी दो नाली बंदूक रखने का चलन था। लेकिन मौजूदा दौर में पिस्टल और रिवॉल्वर जैसे छोटे हथियारों ने इसकी जगह ले ली है। पुलिस कर्मियों से लेकर आत्मरक्षा के लिए हस्तियों के प्राइवेट गार्ड्स भी पिस्टल या फिर रिवॉल्वर का इस्तेमाल करते हैं। पिस्टल और रिवॉल्वर दिखते जरूर एक जैसे हैं लेकिन दोनों में बड़ा अंतर होता है। पिस्टल अपने नाम की तरह थोड़ा एडवांस होती और रिवॉल्वर भी अपने नाम के ही अनुसार पुराने मॉडल पर ही आधारित है। दोनों में गोलियों को गन में डालने और उनके स्टोरेज का तरीका भी अलग है, इसके अलावा फायर करने का तरीका भी इन्हें एक-दूसरे से जुदा करता है।
क्या है पिस्टल (What is Pistol)
पिस्टल (Pistol) यह हैंडगन का एडवांस वर्जन होता है। इसमें मैगजीन होती है, जिसमें गोलियां स्टोर की जाती हैं। फायर करते वक्त स्प्रिंग की मदद से गोली मैगजीन से निकलकर फायर पॉइंट पर आती है। पिस्टल से गोलियां चलाते वक्त उसे लोड करने में ज्यादा टाइम नहीं लगता और लगातार एक के बाद एक फायर किए जा सकते हैं। इसके अलावा लॉक सिस्टम के जरिए मैगजीन को बंद भी किया जाता है, ताकि लापरवाही में पिस्टल से अपने आप फायर न हो जाए। पिस्टल की बैरल काफी छोटी होती है और इसकी लंबाई 10 इंच से ज्यादा नहीं होती। आमतौर पर यह 50 मीटर तक फायर कर सकती है। अगर वजन की बात करें तो पिस्टल का वजन रिवॉल्वर से कम होता है क्योंकि इसमें गोली के स्टोर करने के लिए अलग सिलेंडर न होकर हैंडल में ही मैगजीन लगी होती है।
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क्या है रिवॉल्वर (What is Revolver)
रिवॉल्वर (Revolver) गन पिस्टल का थोड़ा पुराना वर्जन माना जाता है। जैसा कि नाम से ही साफ है इसमें एक रिवॉल्विंग सिलेंडर लगा होता है। जिसमें गोलियां सेट करनी पड़ती हैं। फायर करने से पहले सिलेंडर घुमाया जाता है ताकि ट्रिगर पॉइंट के सामने गोली आ जाए और हिट होने के साथ ही फायर हो जाए। ट्रिगर दबाने के साथ ही हैमर सिलेंडर में लगी गोली को हिट करता है और गोली बैरल को पार करते हुए फायर हो जाती है। रिवॉल्वर से एक गोली चलने के साथ ही बैरल के पीछे लगा सिलेंडर खुद घूम जाता है और अगली गोली ट्रिगर पॉइंट पर आ जाती है। इसमें सिलेंडर ही मैगजीन का काम करता है जो पिस्टल की तरह हैंडल पर न होकर बीच में लगा होता है। रिवॉल्वर एक बार में 6 फायर कर सकती है लेकिन पिस्टल की मैगजीन में 18 गोलियां आ सकती हैं। रिवॉल्वर चलाना पिस्टल की तुलना में ज्यादा कठिन है क्योंकि इसका ट्रिगर थोड़ा टाइट चलता है।

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