पूजा-अनुष्ठान पूर्व की दक्षिणा नई प्रस्तावित दक्षिणा मृत्युंजय जाप 11 हजार मंत्र 2500 रुपये 5100 मृत्युंजय जाप 23 हजार मंत्र 5100 रुपये 75 सौ रुपये मृत्युंजय जाप सवा लाख मंत्र 25 हजार रुपये 35 हजार रुपये
(नोट:मृत्युंजय जाप के आधार पर ही नवग्रह, शनि और नाग गायत्री आदि जपों का शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। ) अब सामग्री रहित कटेगी रसीद इससे पूर्व जाप करवाने के लिए संबंधित श्रद्धालु की सामग्री सहित रसीद कटती थी। यानी सवा लाख मंत्रों का जाप करवाने के लिए श्रद्धालु को 25 हजार रुपये की रसीद कटवानी पड़ती थी, उसमें पूजा सामग्री का शुल्क भी जुड़ा होता था। अब दक्षिणा की राशि बढ़ाने के अलावा संबंधित श्रद्धालु को पूजा की सामग्री भी खुद लानी होगी। प्रस्ताव पास होने पर जपों की रसीद सामग्री रहित कटेगी।
इस सवा लाख मंत्र जाप की दक्षिणा 121000 तय जागेश्वर धाम में महामृत्युंजय मृत संजीवनी जाप की दक्षिणा राशि भी तय कर दी गई है। अभी तक मंदिर प्रबंधन समिति की दक्षिणा की सूची में इस जाप का उल्लेख नहीं था, इससे कई बार पुजारियों और श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति रहती थी। अब मंदिर प्रबंधन समिति की पूजाओं की दक्षिणा वाली लिस्ट में महामृत्युंजय मृत संजीवनी जाप को भी एड करने का प्रस्ताव तैयार किया है। 11 हजार मंत्रों के मृत संजीवनी जाप की दक्षिणा 15 हजार, 23 हजार मंत्रों के जाप की दक्षिणा के 61 हजार जबकि सवा लाख मृत संजीवनी जाप की दक्षिणा 121000 रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
महामृत्युंजय जाप की राशि भी तय महामृत्युंजय मंत्र के सवा लाख जाप करवाने की दक्षिणा राशि 61 हजार रुपये प्रस्तावित कर दी है। वर्तमान में केवल मृत्युंजय मंत्र जाप की ही राशि मंदिर प्रबंधन समिति की पूजाओं की लिस्ट में शामिल थी। ‘मृत्युंजय’ और ‘महामृत्युंजय’ मंत्र के जाप को लेकर भी कई बार असमंजस की स्थिति पैदा हो चुकी है। दरअसल, महामृत्युंजय जाप में मृत्युंजय जाप के अलावा संपुट लगता है।
करीब 35 फीसद रकम जाती है कमेटी को जागेश्वर धाम में जाप, पूजा या अन्य अनुष्ठानों से मिली दक्षिणा की करीब 30 से 35 फीसद रकम जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति को जाती है और करीब 65 फीसद धनराशि का अंशदान संबंधित पुजारी को दिया जाता है। मंदिर समिति के खाते में आई धनराशि जागेश्वर को सफाई व्यवस्था, बिजली बिल, पेयजल, सुरक्षा, सीसीटीवी, सार्वजनिक शौचालय, प्रबंधक और कर्मचारियों का मानदेय के अलावा जनहित के तमाम कार्यों में खर्च करने का प्रावधान है।
मध्य मंडप में केवल रुद्राभिषेक हो सकेंगे मंदिरों के मध्य मंडप में पूजा कराने को लेकर समित और पुजारियों के बीच विवाद भी उत्पन्न हो रहा था। बैठक में तय किया गया कि जागेश्वर मंदिर के मध्यमंडप के एक तरफ रुद्राभिषेक संपन्न कराए जा सकते हैं। एक भक्त का रुद्राभिषेक पूरा होते ही संबंधित पुजारी दूसरे पुजारी को मौका देगा। सीजन टाइम में मध्य मंडप में पंचांगी पूजा, नवग्रह पूजा, पार्थिव पूजन आदि लंबे अनुष्ठान नहीं होंगे। इसके लिए मंदिर समिति पुजारियों को परिसर में पांडाल मुहैया कराएगी।
एसडीएम के निर्देश पर हुई बैठक पूजा की दक्षिणा बढ़ाने और पुजारियों से संबंधित अन्य समस्याओं के समाधान के लिए एसडीएम एनएस नगन्याल ने मंदिर प्रबंधन समिति के पुजारी प्रतिनिधि पंडित नवीन चंद्र भट्ट को जल्द ही पुजारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे। एसडीएम के निर्देश पर शनिवार को पुजारी प्रतिनिधि की अध्यक्षता, उपाध्यक्ष नवीन चंद्र भट्ट और प्रबंधक ज्योत्सना पंत की मौजूदगी में पुजारियों की बैठक हुई। बैठक में कई अनुष्ठानों की दक्षिणा राशि बढ़ाने और मंदिर में पूजाओं से संबंधित तमाम प्रस्ताव तैयार किए गए। साथ ही बैठक में रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजन,समेत अन्य पूजाओं की दक्षिणा में बढ़ोत्तरी नहीं करने पर भी सहमित बनी। बैठक तमाम पुजारी मौजूद रहे।