पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. यशवंत ने बताया कि नोएडा जैसा शहरों में बच्चों पर संक्रमण अधिक मिल रहा है। इसका मतलब है कि जो वायलर हो वह बच्चों के लिए प्रभावी हो सकता है। फिलहाल अभी अन्य शहरों कोरोना वायरस का कोई बड़ा असर नहीं दिख रहा है। बताया कि अगर अन्य शहरों में भी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ते हुए देखी जाएगी तो स्टाफ को ट्रेनिंग कराई जाएगी। ताकि कोरोनावायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए टीम पूरी तरह से तैयार हो सकेगी। कहा कि अगर इस महामारी के दौर से खुद को और सामने वाले व्यक्ति को बचाना है तो फिर प्रत्येक व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य है। मास्क लगाकर ही भीड़भाड़ वाले इलाके में जाएं।
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शादी वाले घर में छा गया मातम, बारात की जगह उठ गई छह अर्थियां कोविड-19 अस्पतालों में की व्यवस्था कानपुर, हरदोई, प्रयागराज, वाराणसी आदि शहरों में जिला अस्पताल द्वारा कोविड वार्ड में 100 बेड तैयार कराए जा रहे हैं। साथ ही यदि कोई संक्रमित मिलता है तो कांटैक्ट ट्रेसिंग के निर्देश है। जिला अस्पताल में 100, सीएचसी और पीएचस में 50-50 बेड की व्यवस्था की गई है। बच्चों के लिए भी खास व्यवस्था की गई है।
क्या है ऑक्सीजन का इन्तजाम कोरोनावायरस की चौथी लहर से निपटने के लिए जिलों में संख्या के हिसाब से 10-15 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे है। मेडिकल की टीम ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को चेक रहे हैं। सभी जिलोंम को 500-1000 आदि कंसंट्रेटर मशीन उपलब्ध कराई जा रही हैं।