34 में से 19 मेडल लड़कियों को दीक्षांत समारोह में अपराजिता चतुर्वेदी को हीवेट गोल्ड मेडल, चांसलर मेडल और यूनिवर्सिटी ऑनर्स मेडल प्रदान किया गया। इसके अलावा अदिति मिश्रा, डॉक्टर पारिजात सूर्यवंशी, डॉक्टर रविंद्र कुमार, डॉक्टर ध्रुव एस बत्रा, डॉक्टर अनिरुद्ध वी मोरे, डॉक्टर कवलजीत सिंह, डॉक्टर सौम्या रंजन त्रिपाठी, डॉक्टर विजय कुमार, डॉक्टर प्रियल गुप्ता, डॉक्टर देबास्मिता चक्रबर्ती, डॉक्टर कीर्ति यादव, डॉक्टर अन थॉमस, डॉक्टर वर्तिका त्रिपाठी, डॉक्टर तौहीद अहमद, डॉक्टर ज्ञान रंजन नायक, डॉक्टर बिद्युत रॉय, डॉक्टर गरिमा गौर, डॉक्टर अंकिता, डॉक्टर एकांश देबुका, डॉक्टर सुप्रिया, डॉक्टर गरिमा निर्मल, डॉक्टर प्रांशी अग्रवाल, डॉक्टर पुलकित रंगा, डॉक्टर रोशनी खान, डॉक्टर अंकित बत्रा, डॉक्टर राहुल सिंह, डॉक्टर पल्लवी सहाय, डॉक्टर मोहिनी सिंह और डॉक्टर अभिषेक कुमार गुप्ता को गोल्ड मेडल मिले। समारोह में मेडिसिन विभाग के रिटायर्ड प्रोफेसर प्रोफेसर एम के मित्रा को लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया गया।
इंस्टीट्यूट ऑफ इमिनेंस की दौड़ में केजीएमयू कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वर्ल्ड एकेडमी ऑफ आथेंटिक
हीलिंग साइंसेज मैंगलुरु कर्नाटक के चेयरमैन पद्म भूषण प्रोफेसर बी एम हेगड़े रहे। इस मौके पर बेसिक ऐंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर सुधीर गुप्ता और नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट द्वितीय कैम्पस
एम्स हरियाणा के प्रमुख प्रोफेसर जी के रथ को डीएससी की मानद उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम में केजीएमयू के वीसी प्रोफेसर एमएलबी भट्ट ने संस्थान की उपलब्धियां बताई। उन्होंने बताया कि देश के 1000 विश्वविद्यालयों में 32 संस्थानों की पहली सूची में शामिल किया गया हैं जिनमें से 10 इंस्टीट्यूट ऑफ इमिनेंस दिया जाना है।
डिग्री नहीं अनुभूति हो प्राथमिकता कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर बी एम हेगड़े ने कहा कि मेडिकल पेशा ऐसा व्यवसाय है जिसमें जीवन भर अध्ययन की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए प्राइमरी शिक्षा को मजबूत बनाना होगा। डिग्री आधारित शिक्षा से
ध्यान हटाकर अनुभव और अनुभूति के अर्जन पर केंद्रित होना होगा। स्कूली सिस्टम को बदले बिना यह संभव नहीं है। भारत की प्राचीन आयुर्वेद और चिकित्सा पद्धति में भी बहुत कुछ सीखने लायक है। रिसर्च को जनोपयोगी बनाना होगा। डिग्री लेने के बाद अपने क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करने होंगे।
गवर्नर ने की लड़कियों की तारीफ राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि कार्यक्रम में दीक्षांत और स्थापना दिवस समारोहों में दिए जाने वाले कुल मेडल्स की संख्या देखें तो 157 में से 51 लड़कों को जबकि 106 लड़कियों को मिले हैं। प्रतिशत के हिसाब से देखें लड़कों का प्रतिशत 32.5 प्रतिशत है जबकि 67.5 प्रतिशत मेडल्स लड़कियों को मिले हैं। गवर्नर ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेई के कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत हुई थी जबकि वर्तमान में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पढ़ें बेटियां बढे बेटियां अभियान चला रहे हैं। लड़कियों का यह प्रतिशत नारी सशक्तिकरण की जीवंत तस्वीर सामने रख रहा है।
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने किया समारोह का विरोध दीक्षांत समारोह के दौरान केजीएमयू प्रवेश द्वार पर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने समारोह का बहिष्कार किया। राजस्थान में सरकार द्वारा रेजिडेंट डॉक्टर्स के उत्पीड़न के विरोध में समारोह का बहिष्कार किया गया। रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स और स्टूडेंट्स के साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है। रेजिडेंट्स ने सातवें वेतनमान के मुताबिक केजीएमयू के डाक्टरों के समान रेजिडेंट्स को वेतन व भत्ते देने की मांग की।