प्रियंका गांधी ने सोमवार को यूपी में पार्टी संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ उपचुनाव (UP Vidhansabha Upchunav 2019) की रणनीति पर भी चर्चा की। उन्होंने अपने तीनों सचिवों से संगठन में 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तरजीह देने की बात कही। युवा ब्रिगेड के साथ ही प्रियंका गांधी की नजर किसान नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्र नेताओं पर भी है। ओबीसी और एससी समुदाय के जनाधार वाले नेताओं को कांग्रेस संगठन में जोडऩे और अहमियत देने का प्लान बनाया गया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस की सभी जिला कमेटियों को भंग कर दिया गया था। संगठनात्मक बदलाव के लिए विधानमंडल दल के नेता अजय सिंह लल्लू को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
…तो कांग्रेसियों ने ही प्रिंयका गांधी की डुबोई नैया? यूपी की 35 सीटों को लेकर सामने आई यह बात
उपचुनाव की सीटों के लिए अलग प्रभारी
उपचुनाव वाली सभी सीटों पर कांग्रेस एक-एक प्रभारी बनाएगी, जो सीधे ब्लॉक, सेक्टर और बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से बेहतर प्रत्याशियों का फीडबैक लेंगे। इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस अपना कैंडिडेट तय करेगी। उल्लेखनीय है कि सांसदों के विधायक बनने के बाद विधानसभा की 11 सीटें रिक्त हुई हैं। इसके अलावा एक सीट हमीरपुर सीट के बीजेपी विधायक को उम्रकैद की सजा हो जाने के बाद खाली हुई हैं, जिन पर उपचुनाव होना है।
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2019) से पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाई गई थीं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेेते हुए सिंधिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद प्रियंका गांधी पूरे यूपी के प्रभारी के रूप में काम कर रही हैं। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि प्रियंका गांधी यूपी के प्रभारी के रूप में कार्य देख रही हैं। उनकी बैठकों से कार्यकर्ताओं में उत्साह है।