लखनऊ.महिलाओं में गर्भधारण, गर्भावस्था की समस्याएं, मीनोपोज, ओवरियन और ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई बीमारियां आम हैं। इन बिमारियों से आप थोड़ी सावधानी और जागरूकता से बच सकती हैं। जीवनशैली में थोड़ा बदलाव करें और अपने आप को स्वस्थ रखें। पत्रिका आपको वर्ल्ड हेल्थ डे पर कुछ हेल्थ टिप्स देने जा रही है जिससे आप हेल्दी रहकर अपना जीवन खुशहाल बन सकती हैं।
केजीएमयू की डॉक्टर रेखा सचान ने बताया की कुछ बीमारियां महिलाओं और पुरूषों को एक जैसे ही प्रभावित करती हैं। लेकिन कई बार कुछ बीमारियां महिलाओं के लिए गंभीर स्थिति खड़ी कर सकती है। हम आपको महिलाओं से जुड़ी कुछ ऐसी आम बीमारियां बता रहे हैं जिन्हें महिलाओं को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
पीओसी पोलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
यह एक हार्मोनल डिस्ऑर्डर है। इसकी सबसे बड़ी पहचान है कि इससे अचानक से वजन बढ़ने लगता है। महावारी अनियमित हो जाती है। मुंहासे की समस्या और गंजापन भी होने लगता है। यह समस्या महिलाओं में आम है। बच्चे पैदा करने की उम्र में लगभग 1 से 10 महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। इस बीमारी का घातक लक्षण है कि लगभग 10 में से 5 फीसदी महिलाओं को पीओसी के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और बांझपन का खतरा हो जाता है।
फ्रोजेन शोल्डर
इस स्थिति में कंधों के आसपास के कैप्सूल यानी संयुक्त कोशिकाओं में दर्द होना है। यह समस्या पुरूषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होती है। आमतौर पर यह समस्या 40 से 65 साल की उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलती है।
फैब्रोमायलगिया
यह एक क्रानिक डिस्ऑर्डर है। इसके लक्षण अर्थराइटिस की ही तरह होते हैं। हालांकि इन दोनों ही बीमारियों के बीच बहुत अंतर है। वैसे इन दोनों बीमारियों में बहुत बड़ा फर्क ये है कि आर ए फाइब्रोमायलगियामें किसी भी तरह से जोड़ों में सूजन की शिकायत नहीं होती। इस बीमारी के लक्षणों में सुबह के समय जकड़न महसूस होना, थकान और भारीपन महसूस होना
ल्यूपस
इसे सिस्टमिक ल्यूपस एरिथमेटोसस के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या इम्यून सिस्टम में खराबी के कारण होती है। इसके लक्षणों में बुखार होना, चेस्ट पेन, जोड़ों में दर्द, जकड़न और त्वचा में घाव इत्यादि है। यह बीमारी आमतौर पर महिलाओं को प्रजनन की उम्र के दौरान परेशान करती है।
कैंसर
वैसे तो कैंसर महिलाओं और पुरूषों दोनों को बराबर ही प्रभावित करता है, लेकिन कैंसर के भी बहुत से प्रकार है कुछ तो सिर्फ महिलओं में ही पाए जाते हैं। ओवरियन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर महिलाओं को ही होता है। लेकिन इसके साथ ही कुछ और तरह के कैंसर जैसे त्वचा कैंसर, लंग कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर महिलाओं को ही मुख्य रूप से प्रभावित करते हैं। शोधों में भी पाया गया है कि 14 फीसदी महिलाओं में कैंसर का कारण बहुत अधिक तंबाकू का सेवन है। शोधों एक और भी बात साबित हुई है यदि महिलाएं ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना बहुत कम रह जाती हैं।
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज
पीआईडी आमतौर पर यौन संक्रमित बीमारियां जैसे गोनोरिया और क्लै माइडिया के कारण गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब्स को नुकसान पहुंचता है। जिसके कारण महिलाओं की श्रोणि में सूजन और दर्द की शिकायत भी हो जाती है। साथ ही बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
इन बिमारियों से बचने के टिप्स
रेग्युलर डॉक्टर चेकअप करवाएं
व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें
खान-पान में नियंत्रण रखें
केमिकलयुक्त प्रोडक्ट से बचें
हर्बल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें
शरीर के किसी अंग में समस्या है तो लापरवाही न करें डॉक्टर को दिखाएं
पानी अधिक से अधिक इस्तेमाल करें जिससे बॉडी का टॉक्सिक निकल जाये
Hindi News / Lucknow / #worldhealthday पर जाने Women Diseases से कैसे बचें? पढ़िए ये Health Tips