विदेश मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के आयोजन के लिए वाराणसी को इसलिए चुना गया क्योंकि वह इलाहाबाद के नजदीक है और कुंभ में भाग लेने वालों को वाराणसी से इलाहाबाद तक आसानी से ला सकेंगे। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस के लिए पिछली बार से करीब तीन गुना अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं। सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीय दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि अटल जी ने 2003 में इसे शुरू किया था। हमारी इस सरकार के दौरान पहली बार गांधी जी की सौवीं जयन्ती पर यह आयोजन हुआ। गुजरात के गांधीनगर में प्रवासी भारतीय दिवस मनाया गया था। इस बार का ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ विशेष है। उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस भी मनाया जा रहा हैं, जिन्हें हम भारतवंशी कहते हैं। हमारी कोशिश है कि प्रवासी भारतीयों के अनुभव का लाभ उठाया जाए और देश के विकास में सहयोग मिल सके। विदेश मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों की मांग थी कि कार्यक्रम का आयोजन ऐसे वक्त में किया जाए जब वह कुंभ मेले में शामिल होने के साथ-साथ गणतंत्र दिवस की परेड का भी हिस्सा बन सकें। इसलिए कार्यक्रम के लिए 21 से 23 तक की तारीख तय की गई हैं। 21 जनवरी को युवा और यूपी प्रवासी दिवस मनाया जाएगा। 22 और 23 जनवरी को मुख्य आयोजन होगा।
सीएम योगी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यूपी को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि भारतीय प्रवासियों के लिए सम्मेलन किया जा सके। सम्मेलन के लिए 5,802 लोगों ने रेजिस्ट्रेशन किया है। सरकारी ने प्रवासियों के लिए पूरी व्यवस्था की है जिससे अतिथियों को कोई परेशानी न हो। सीएम योगी ने कहा कि काशी के लोगों ने भी प्रवासियों को घर में बुलाने व ठहराने की इच्छा जताई है। इसी के मद्देनजर पहली बार प्रवासियों को भारतीय परिवार में ठहराने की व्यवस्था बनाई गई है। काशी में कई टेंट भी बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी काशी का भ्रमण भी कर सकेंगे। सीेएम ने कहा कि हम लोगों ने उनके लिए 21 जनवरी को सम्मेलन का आयोजन किया है जिसमें करीब 1000 लोग शामिल होंगे। इस कार्यक्रम के खत्म होने के बाद उनको प्रयागराज ले जाया जाएगा।