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लखनऊ

नियमों में बदलाव, चुनाव में संक्रमित कर्मी की बाद में भी मौत हुई तो परिजनों को मुआवजा और नौकरी

CM Yogi Decision on Panchayat Chunav Teachers Death- चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण के चलते बाद में भी जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी दिलाने के लिए योगी सरकार ने नियमों में बदलाव किया है

लखनऊMay 21, 2021 / 03:55 pm

Karishma Lalwani

CM Yogi Adityanath

CM Yogi Adityanath

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. CM Yogi Decision on Panchayat Chunav Teachers Death. चुनाव ड्यूटी के दौरान कोविड संक्रमण के चलते बाद में भी जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी दिलाने के लिए योगी सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को निर्देशित किया है कि वे राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित कर गाइड लाइन में संशोधन का आग्रह करें। राज्य निर्वाचन आयोग की वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार, ड्यूटी के लिए घर से निकलने से लेकर घर वापसी तक की अवधि के बीच अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है और कोरोना से उसकी मृत्यु होती है तो उसके परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। योगी सरकार ने इस नियम में बदलाव करने की अपील करते हुए कहा है कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए। नियमों में बदलाव होने के बाद चुनाव के दौरान संक्रमित कर्मी की मौजूदा अवधि के बाद में भी मृत्यु पर मुआवजा व नौकरी देने की कार्यवाही की जा सकेगी।
परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि अभी तक ड्यूटी के दौरान जिन कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने चुनाव आयोग को गाइडलाइन में संधोशन करने का सुझाव दिया है। योगी ने कहा कि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जब जारी हुई थी उस समय कोरोना नहीं था इसलिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इलेक्शन ड्यूटी के कारण जिन कर्मियों को संक्रमण हुआ और बाद में जिनकी मौत हुई, उन सभी को नियमानुसार मुआवजा देने के संबंध में चुनाव आयोग से बातचीत की जाए। गाइडलाइन में संशोधन के बाद ही आश्रितों को सहायता मिलेगी। शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रोजगार सेवक के मृतक आश्रितों को उन्हीं सेवा शर्तों के आधार पर रोजगार दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी सरकार की तरफ से आंकड़े जारी किए गए थे जिसमें पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कोविड से तीन शिक्षकों की मौत बताई गई थी। जबकि शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है।
एक-एक करोड़ मुआवजे की मांग

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा के मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हुई है। शिक्षक संघ के अनुसार कुल 1621 शिक्षकों की मौत कोरोना से हुई है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप सभी मृत शिक्षकों/शिक्षामित्रों और अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिए जाने की अपील की है।
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