भाजपा के लोककल्याण संकल्प पत्र में गन्ना किसानों के लिए बड़ी योजनाओं का वादा उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी गन्ना किसानो के विकास के लिए बड़े बड़े वादे किए थे। इसमें फसल का ऑनलाइन नकद भुगतान, चीनी मिलों का विकास जैसे वादे रहे। वहीं सरकार आने पर 5 हजार करोड़ रु की लागत से ‘गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन’ का वादा भी किया था। जिसकी शुरुआत अब हो रही है। इसमें नयी सहकारी चीनी मिलों की स्थापना, नवीनीकरण एवं टेक्नोलोजी से जोड़ना भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश सरकार में 100 दिन के प्लान डिस्कशन के दौरान गन्ना मूल्य के बकाए भुगतान पर फोकस रहा। साथ ही बिचौलियों से होने वाले निकसान और लेटलेतीफी पर भी चिंता ज़ाहिर की थी। जिसके बाद से पूरे सिस्टम को ऑनलाइन पर ज़ोर दिया गया।
पहले भी गन्ना किसानों को कर चुके हैं भुगतान इसके पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 1,69,153 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड भुगतान किया था। बावजूद इस बेहद संवेदनशील मामले में सरकार किसी को मौका नहीं देना चाहती। इसीलिए इस सरकार में 14 दिनों में भुगतान सुनिश्चित करने के साथ भुगतान के लिए लक्ष्य भी रखा गया है। सरकार का प्रयास होगा कि अगले 100 दिन और 6 माह में गन्ना किसानों को क्रमश: 8 हजार करोड़ और 12 हजार करोड़ रुपये भुगतान कर दिया जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगले पांच वर्षों में गन्ने की उत्पादकता वर्तमान के 81.5 हेक्टेयर से बढ़ाकर 84 टन प्रति हेक्टेयर करने के लक्ष्य के साथ कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी के तथा डिजिटल सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने संकल्पपत्र के वायदों के अनुसार, बिलासपुर (रामपुर), सेमिखेड़ा (बरेली), पूरनपुर (पीलीभीत) की सहकारी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण, ननोता, साथा और सुल्तानपुर चीनी मिलों के सु²ढ़करण का भी निर्देश दिया। छाता (मथुरा) में मॉडल के तौर पर सुगर काम्प्लेक्स की स्थापना खुद में एक अभिनव पहल होगी। मालूम हो कि गन्ना प्रदेश की सबसे प्रमुख नकदी फसल है। प्रदेश में करीब 65 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। इनका हित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमकिता रही है। योगी सरकार-1 में गन्ना मूल्य बकाए का रिकॉर्ड भुगतान, नयी चीनी मिलों की स्थापना, खांडसारी इकाइयों के लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रति कुंतल गन्ना मूल्य में 25 रुपए की वृद्धि जैसे काम इसका सबूत हैं। योगी-2 में भी गन्ना किसानों का हित सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।