श्रम विभाग और नगर विकास विभाग ने इसके लिए ऐसे श्रमिकों का डाटा भी निकाल लिया है। जानकारी के मुताबिक करीब एक करोड़ गरीबों और मजदूरों को भरण-पोषण भत्ता मिलेगा। इनमें श्रम विभाग में रजिस्टर्ड 67.37 लाख निर्माण श्रमिक होंगे। वहीं प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा पटरी और फेरी दुकानदारों को भी इसका फायदा मिलेगा। वहीं कोरोना महामारी जैसी भयंकर परिस्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार ने पटरी दुकानदारों, रजिस्टर्ड श्रमिकों के अलावा और भी श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चलाने वाले लोगों, कुली, पल्लेदार, नाविक, नाई, धोबी, मोची जैसे रोजाना की आमदनी पर निर्भर लोगों को भरण पोषण के लिए एक महीने के लिए 1000 रुपये देने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही प्रदेश के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा की सुविधा भी पूरी तरह से मुफ्त मिलेगी। सरकार ने इस योजना का ऐलान वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में किया था। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में योजना की रूपरेखा पर अफसरों संग चर्चा के बाद सहमति बन गई है। इस उप समिति में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य बतौर सदस्य शामिल हैं। योजना का रजिस्ट्रेशन पांच साल के लिए ऑनलाइन होगा जिसके पोर्टल का सीएम योगी जल्द शुभारंभ करेंगे। वहीं असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का भी लाभ जल्द मिलेगा। इसके अंतर्गत गंभीर बीमारी में इलाज के लिए आयुष्मान योजना की तर्ज पर 5 लाख रुपये तक मदद का प्रावधान है।
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना की तर्ज पर ही प्रदेश में शुरू हो रही इस योजना में किसी दुर्घटना में मृत्यु पर श्रमिकों के परिवार को दो लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। 50 से 100 प्रतिशत स्थाई अपंगता पर 1 लाख व 25 से 50 प्रतिशत पर 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। इस योजना का वार्षिक प्रीमियम 12 रुपये होगा जो सरकार अपने बजट से बैंकों को देगी। इसके लिए 12 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। इस योजना के दायरे में धोबी, दर्जी, नाई, मोची, माली, बुनकर (कोरी, जुलाहा), रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाले, हाथ ठेला चलाने वाले, फुटकर सब्जी-फल-फूल विक्रेता, समाचार पत्र विक्रेता, मोटर साइकिल व साइकिल की मरम्मत करने वाले सहित 45 तरह के काम करने वाले श्रमिक आएंगे। असंगठित श्रमिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का भी लाभ जल्द मिलेगा। इसके अंतर्गत गंभीर बीमारी में इलाज के लिए आयुष्मान योजना की तर्ज पर 5 लाख रुपये तक मदद का प्रावधान है।
कोरोना महामारी के दौरान ब्लैक फंगस ने चिंताएं और बढ़ा दी है। यही वजह है कि कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। यूपी ने भी इसे महामारी घोषित किया है। ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने वाला यूपी आठवां राज्य है। सीएम योगी ने निर्देश दिये कि गाइडलाइंस और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप, प्रदेश सरकार सभी मरीजों के समुचित चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था की जाए।